अर्जुन रौतेला संवादाता बांदा। सोमवार को जेडीयू महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने मंडलाआयुक्त के मार्फत केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णो व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को शिकायती पत्र में बताया की जनपद बांदा के सूचना विभाग में कई वर्षो से जमी केयर टेकर से अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी का सफर तय करने वाली शारदा निषाद भ्रष्टाचार में घिरी हुई है। मौरंग माफियाओं को गोपनीय जानकारी साझा करना चांदी की जूती की चमक में उनको पत्रकारों की लिस्ट देना, मौरंग सिंडिकेट के जुड़े लोगों को मानक विहीन मान्यता करवा देने के आरोप में जकड़ी यह शारदा निषाद है। फिलहाल नेत्री शालिनी पटेल ने इसको गंभीर मुद्दा बताते हुए इस पूरे प्रकरण में कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने अपने वक्तत्व में यह भी कहा की शासन प्रशासन की गोपनीय सूचनाएं लीकेज हो रही है। मौरंग सिंडिकेट से जुड़कर अवैध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है आरोप है की शारदा निषाद द्वारा मौरंग खदानों से प्रति माह के दर से मोटी रकम ली जाती है ताकि अवैध खनन की सूचनाओं पर पर्दा डाला जा सके।
सेवा में,
1- माननीय अश्वनी वैष्णव केंद्रीय मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री – नई दिल्ली
2- माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ।
विषय – जनपद बांदा में अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी शारदा निषाद द्वारा भ्रष्टाचार व गोपनीय जानकारी बालू माफियाओं से साझा करने के संदर्भ में।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं शालिनी सिंह पटेल, प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ, जेडीयू उत्तर प्रदेश, आपके संज्ञान में एक गंभीर मुद्दा लाना चाहती हूँ। जनपद बांदा में अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी शारदा निषाद के विरुद्ध कई संगीन आरोप हैं, जिनके चलते सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार चरम पर है और शासन की गोपनीय सूचनाएं लगातार लीक हो रही हैं।
शारदा निषाद विगत कई वर्षों से एक ही पद पर तैनात हैं और इस अवधि में उन्होंने बालू खनन माफियाओं से सांठगांठ कर अवैध कार्यों को बढ़ावा दिया है। उनके द्वारा व्हाट्सएप कॉल और अन्य माध्यमों से बालू खदानों से संबंधित महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारियां माफियाओं को साझा की जाती हैं, जिससे शासन को आर्थिक और प्रशासनिक नुकसान हो रहा है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार:
1. लोगों ने कई बार आरोप लगाए हैं कि शारदा निषाद द्वारा बालू माफियाओं से मासिक धन उगाही की जाती है।
2. जो माफिया उनकी मांग पूरी कर देते हैं, उनकी नकारात्मक खबरें और अखबार की कटिंग शासन को नहीं भेजी जातीं। वहीं जो उनकी बात नहीं मानते, उनके खिलाफ खबरें भेजकर उन्हें नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जाता है।
3. अपराधी तत्वों और बालू माफियाओं से जुड़े कुछ पत्रकारों को शारदा निषाद द्वारा मान्यता दिलाई गई है व अप्रत्यक्ष रूप से मदद की गई है , जो सीधे बालू व्यवसाय में संलिप्त हैं।
4. शारदा निषाद अपनी पहुंच और रसूख का इस्तेमाल कर कई शिकायतों को दबाने में सफल होती रही हैं।
5. उन्होंने कुछ मीडिया कर्मियों को सरकार के खिलाफ भड़काने और अस्थिरता फैलाने का प्रयास भी किया है उनको शारदा निषाद संरक्षण दे रखीं हैं ।
माननीय महोदय, यह स्थिति अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है। शासन की छवि को धूमिल करने वाले ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस प्रकरण की गोपनीय जांच कराई जाए और शारदा निषाद के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की सच्चाई सामने लाते हुए उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही, इस पद पर किसी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की तैनाती की जाए, ताकि जनपद में पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित हो सके।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।