यूपी। अलीगढ़ में एक पालतू कुत्ते की मृत्यु के बाद उसे धार्मिक विधि.विधान से दफनाया गया। उसके बाद बरकटा किया गया।
कुत्ते की आत्मा की शांति के लिए हवन के उपरांत तेरहवीं का भोज खिलाया गया। भोज में वही व्यंजन परोसे गए, जो उस डॉगी को अच्छे लगते थे। तेरहवीं में आए ब्राह्मणों को जग, सुंदर कांड की पुस्तक सहित बिस्कुट, नमकीन और पापे दान में दिए गए। परिवार के सदस्य के समान वाले पाल
मल्लो ने दिया टॉमी को जन्म
अलीगढ़ के केशव नगर की गली नं 3 के निवासी चंदन शर्मा सुरेंद्र नगर स्थित एक मंदिर पर पुजारी हैं। उनके कोई संतान नहीं थी, तो उनकी पत्नी पायल शर्मा ने 10 साल पहले एक मादा श्वान को पाला, जिसका नाम मल्लो रखा। मल्लो बड़ी हुई और उसने 4 साल साढे़ तीन महीने पहले 26 जून 2019 में एक पप्पी को जन्म दिया, जिसका नाम टॉमी रखा गया।
बेटे की तरह पाला टॉमी को
चंदन शर्मा की पत्नी पायल शर्मा ने बताया कि टॉमी के जन्म के बाद से उसे अपने बेटे की तरह पाला। वह सभी के साथ बैठकर खाना खाता था। दंपत्ति के साथ टॉमी बैड पर सोता था। परिवार का हर सदस्य टॉमी को जान से भी ज्यादा चाहता था। टॉमी को थोड़ा उदास देखते ही दंपत्ति उसे डॉक्टर के पास लेकर दोड़ पड़ते थे। टॉमी के पसंद का खाना ही परिवार में पकाया जाता था।
रक्षाबंधन पर टॉमी को बांधी थी राखी
चंदन शर्मा के छोटे भाई जगदीश शर्मा की बेटी शिया शर्मा ने अमर उजाला डॉट कॉम को बताया कि वह टॉमी को अपनी भाई मानती थी। रक्षाबंधन पर टॉमी को राखी बांधी। टॉमी भी परिवार के हर सदस्य को प्यार करता था।
परिवार को बिलखता छोड़ गया टॉमी
परिवार के सदस्य जगदीश शर्मा ने बताया कि एक दिन टॉमी घर के बाहर खेल रहा थाए तभी अन्य कुत्तों ने उसे बुरी तरह दबोच लिया। मुश्किल से छुड़ाया पर उस घटना के बाद टॉमी के दिल में डर बैठ गया। वह गुमशुम रहने लगा। आखिरकार 10 सितंबर 2023 को टॉमी ने दुनिया से अलविदा कह दिया। परिवार में मातम छा गया। मोहल्ले, आसपास में जिसे भी टॉमी के मौत की खबर मिला, वह स्तब्ध रह गया। टॉमी परिवार के सदस्यों को रोता.बिलखता छोड़ गया।
हवन, तेरहवीं के भोज से दी टॉमी को घर से विदाई
टॉमी की मौत के बाद उसे दफनाते हुए परिवार के सदस्यों के आंसू नहीं रूक रहे थे। उसके बाद बरकटा हुआ। सात दिन के बाद टॉमी का त्रयोदशी संस्कार किया गया। सुबह टॉमी की आत्मा की शांति के लिए आचार्य सुरेंद्र शास्त्री ने मंत्रोच्चार के साथ हवन कराया गया। हवन में टॉमी की तस्वीर याद के रूप में रखी थी। हवन में परिवार, रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग शामिल हुए। हवन का प्रसाद टॉमी की पसंद का सूजी का हलवा था। हलवा बादाम, मेवा डालकर तैयार किया गया था। तेरहवीं के भोज में सबसे पहले 13 ब्राह्मणों को भोज कराया गया। जिसके बाद उन्हें जग, सुंदर कांड की पुस्तक, बिस्कुट, नमकीन और पापे के साथ धन दान किया। भोज में भी टॉमी के पसंद वाले खाद्य पदार्थों को तरजीह दी गई। भोज में खस्ता कचौडी, पूड़ी, आलू की सब्जी, रायता, हलवा था। सभी ने भोज में प्रसाद ग्रहण किया। इस तरह टॉमी को विदाई दे गई।





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