
उत्तर भारत में गणेश विसर्जन नहीं करना चाहिए क्योंकि गणेश जी केवल एक सप्ताह के लिए माता गोरा के साथ उत्तर से दक्षिण अपने भाई कार्तिकेय जी से मिलने के लिए गए थे ऐसा माना जाता है कि दोनों भाई महाराष्ट्र में ही मिले थे
इसलिए यह पर्व महाराष्ट्र में मनाया जाता है तथा फिर उन्हें अगले साल आने का निमंत्रण दिया जाता है उत्तर भारत में गणेश जी सदैव विराजमान रहते हैं
जरा सोचिए अगर गणेश जी विसर्जित करके हम कहेंगे कि तू अगले बरस जल्दी आ तो फिर दीपावली पर किसका पूजन करेंगे
कुछ त्योहारों का भौगोलिक महत्व होता है इसलिए भेड़ चाल ना अपनाए
पूजा करिए लेकिन तरीके से भेड़ चाल से नहीं





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