आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला। सर्जरी विभाग ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ मिलकर एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा में व्यावहारिक कार्यशाला सह सीएमई का आयोजन किया। इस कार्यशाला में लखनऊ के हनुमंत एंडो सेंटर के डॉ. योगेश मिश्रा और डॉ करन रावत ने चिवेट्स प्रक्रिया ( जो आगरा में पहली बार किया गया ), एमआईपीएच का प्रदर्शन किया और स्यूचरिंग तकनीक पर व्याख्यान दिया। देहरादून से डॉ. अंशिका मित्तल अरोड़ा (ईसी यूपीएएसआई) ने स्तन कैंसर और गर्दन के विच्छेदन में सर्जिकल तकनीक का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर यूपीएएसआई के उपाध्यक्ष डॉ. निखिल सिंह उपस्थित थे।
प्रोफेसर डॉ. प्रशांत गुप्ता (प्रिंसिपल एसएनएमसी, आगरा) समारोह के मुख्य अतिथि थे। डॉ. प्रशांत लवानिया (एचओडी सर्जरी) ने स्वागत भाषण दिया और नई तकनीक एवम विधि से गरीब मरीजों के स्वस्थ लाभ होगा , और कम मात्रा में ब्लड लॉस , मिनिमम दर्द , जल्दी काम पर लौटने मैं मदद मिलेगी । डॉ. ऋचा सिंह (एचओडी ऑब्स एवं गायनी) ने सीएमई के बारे में अपने विचार दिए। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जूही सिंघल ने किया। डॉ. ऋचा जैमन, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. जेपीएस शाक्य, डॉ. सुरेंद्र पाठक, डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. अरुण राठौड़, डॉ. पूनम, डॉ. अनु पाठक, डॉ. रुचिका गर्ग, डॉ. अनुभव गोयल,डॉ. करन आर रावत, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. वरुण अग्रवाल, डॉ. सुरुभि, अंकुर अग्रवाल, डॉ. भावना, डॉ. संदीप गुप्ता, एवं सर्जरी एवं ऑब्स एवं गायनी के रेजिडेंट्स उपस्थित रहे।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।