“A Summer Spree,” प्रेरक है जो जीते हैं एक संघर्ष मय जींवत जिंदगी

आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला – प्रख्यात इंग्लिश पॉइंट और राइटर राजीव खंडेलवाल ने कहा है कि बिना किसी पूर्व निर्धारित कथावस्तु ,पात्र चरित्र की परिकल्पना के ही उन्होंने अपनी साहित्यिक कृतियों का सृजन किया है।अपने अनुभवों ,बचपन में घटी घटनाओं को उपन्यास की कथावस्तु के रूप में पिरोया है।उन्होंने कहा कि “A Summer Spree,” उपन्यास उन्हें अपने जीवन के यथार्थ का अनुभव उन सभी को साहित्यिक क्षेत्र में पदार्पण को प्रेरित करेगा जिन्होंने अपने जीवन में संघर्षमय रहा है।

वह अपने नवीनतम उपन्यास “A Summer Spree,” पर ताजगंज स्थित शीरोज हैंग आउट में आयोजित अमृता विद्या-एजुकेशन फार इमोट्रलिटी और छांव फाउंडेशन के तत्वाधान में संवाद कार्यक्रम के तहत संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
एक अनुभवी साहित्य सृजक के रूप में श्री खंडेलवाल ने कहा कि हर व्यक्ति के अपने कुछ ऐसे अनुभव होते हैं,जिन्हें कलम बद्ध कर सकने की मौलिक नैसर्गिक शक्ति होती है।अंतर्मन की इस कथा और अपने विचारों को लिपिबद्ध करना ही कथा व साहित्य सृजन है।
उन्होंने कहा कि “A Summer Spree,” दिलचस्प उपन्यास होने के साथ ही जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिये प्रेरणा देने वाला भी सावित होगा। उन्होंने कहा कि चुनौतियों का सामना करने में युक्तियों को अपनाना पड़ता है,निश्चित ही उपन्यास के सुधी पाठक इस सच्चाई को भी समझेंगे।


श्री खंडेलवाल ने कहा कि आगरा अपने ऐतिहासिक स्मारकों के लिये बहुत ही प्रसिद्ध है किंतु वह चाहते हैं कि इसकी साहित्यिक गतिविधियों के रूप में भी पहचान बने। उन्होंने कहा कि आगरा में साहित्यिक गतिविधियाँ पहले होती रही है, अब भी यहां के कलमकारों में अपनी मौलिक क्षमताऐं है जिन्हे प्रोत्साहित करने भर से आगरा पुन: साहित्यिक गतिविधियों से भरपूरता वाला हो सकता है।ययही उनका अपना सपना भी रहा है।

शीरोज हैंग आउट में आयोजित ‘संवाद ‘ के आयोजन पर चर्चा करते हुए ‘अमृत विद्या -एजुकेशन फार इमोर्टलिटी’ के सेक्रेटरी और ‘छांव फऊंडेशन’ के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य श्री अनिल शर्मा ने कहा है कि एक वक्त था जब की इंग्लिश लिटरेचर खास कर पोइट्री पर आगरा में सेमिनार,डिस्कशन होना आम था,इंटरनेशनल स्तर के समालोचक स्व डॉ रामविलास शर्मा इंग्लिश लिटरेचर क्षेत्र में आगरा का प्रतिनिधि नाम हुआ करते थे ।युवाओं के लिये वह साहित्य सृजन के लिये प्रेरक माहौल था। एसिड सर्वाइवर के सहयोग से साहित्यिक गतिविधियों से भरपूर रहे दौर को पुनः:शुरू करने का प्रयास है।

शीरोज हैंगआउट कैफे के राम भरत उपाध्याय ने कहा कि लिटरेचर क्षेत्र में यह हमारा आधारभूत प्रयास है,कई एसिड अटैक सर्वाइवर अपनी भावनाओं को इंग्लिश पोएट्री के माध्यम से व्यक्त करने का अवसर पा सकी।इस आयोजन से उनको अपने विचार व्यक्त करने की प्रेरणा मिलेगी । उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में इस प्रकार के लिटरेचर प्रोग्राम होते रहने की उम्मीद है।निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण हालात में जिंदगी जीने वाली महिलाओं को इस प्रकार के आयोजन अनुभूतियों और अभिव्यक्ति व्यक्त करने के अवसर होंगे।

अमृता विद्या-एजुकेशन फार इमोट्रलिटी और छांव फाउंडेशन का प्रयास है कि विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि और विशिष्टतायें प्राप्त करने वालों से आगरा के नागरिकों को संवाद करने का अवसर प्रदान किया जाये।श्रंखला के 9 फरवरी 2024 के पहले संवाद को तेजाब फेंकने से प्रभावित और जीवन संघर्ष पीड़ित महिलाओं ( Acid Attack survivors.) के द्वारा प्रायोजित किया गया है।

-राजीव खंडेलवाल के लिटरेचर पर शोध

आगरा के व्यवसायी एवं अंग्रेजी के प्रख्यात कवि राजीव खंडेलवाल इंग्लिश लिटरेचर जगत में प्रख्यात हैं। जिनके द्वारा लिखी गयी इंग्लिश पोएट्री की नौ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं एवं समीक्षओं के रूप में छः किताबें उनके लेखन ऊपर लिखी जा चुकी हैं ।श्री खंडेलवाल के लेखन पर सेंट अलोयसिस कॉलेज जबलपुर के दो विद्यार्थियों ने शोध कार्य भी किया है। उनके चर्चित उपन्यास ‘A Summer Spree’ पर समीक्षक नागमणि ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह उपन्यास सिर्फ़ एक उपन्यास ही नहीं बल्कि मैनेजमेंट के छात्रों के लिये एक गाइडलाइन है यह बात राजीव खंडेलवाल को विशेष लेखक बनाती है वहीं शिक्षाविद डॉ दीनदयाल का कहना है कि यह उपन्यास सफल व्यावसायिक रणनीतियों और युक्तियों का एक महत्वपूर्ण कोष है । इस उपन्यास के ऊपर जम्मू कश्मीर में शोध कार्य हो रहा है ।

कार्यक्रम का संचालन अनिल शर्मा. के द्वारा किया गया। साहित्यिक संगोष्ठी के सहभागियों में डॉ मधु भारद्वाज, अनिल कुमार शर्मा, सुधीर नारायण, डॉ शिकरेश तिवारी, ब्रिग विनोद दत्ता, अमीर अहमद जाफ़री एडवोकेट, डॉ मधुरिमा शर्मा, रमेश पंडित, महेश धाकड़, राजीव सक्सेना, डॉ अनुज कुमार, डॉ शशि गुप्ता, शाहीन, डॉ पी एन अस्थाना आदि शामिल थे।

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gc goyal rajan
  • अर्जुन रौतेला आगरा

    रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद। सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।। मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना "दर्द अथवा कठिन कर्म" करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।

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