लखनऊ में अकबरनगर के बाद अबरारनगर गिराने की तैयारी:एलडीए की टीम बिना सर्वे किए लौटी, 500 से ज्यादा घर ढहाए जा सकते हैं
अकबरनगर गिराने के बाद अब एलडीए की तैयारी अबरारनगर गिराने की है। गुरुवार को एलडीए के अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। अबरारनगर और पंतनगर में 500 से ज्यादा घरों को गिराए जाने की बात कही जा रही है।
एलडीए की टीम पहुंची तो लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ देख एलडीए अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा। सर्वे नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि यहां मकान कुकरैल नदी के तट पर बनाए गए हैं, इसे गिराया जाएगा। हालांकि अधिकारी इस बात की पुष्टि अभी नहीं कर रहे हैं।
इलाके को देखा और लौट गए
अबरारनगर के लोगों ने बताया कि शाम चार बजे के बाद एलडीए की टीम पहुंची थी। उस दौरान भारी पुलिस बल के साथ आरएएफ के जवान मौजूद थे। भीड़ के सामने उन लोगों ने भी कुछ नहीं किया है। दरअसल, अकबरनगर होते हुए कुकरैल नदी के किनारे बसे करीब 27 किलोमीटर की रेंज में रिवर फ्रंट का विकास होना है।
सिंचाई विभाग को मिले 2.50 करोड़ रुपए
सिंचाई विभाग को कुकरैल नदी के पुनर्जीवन के लिए बुधवार को 2.50 करोड़ रुपए मिल गए हैं। गोमती नदी से रहीम नगर तक कार्य कराया जाएगा। विभाग को और बजट भी जल्द ही मिलेगा। 15 दिनों के भीतर अकबरनगर ध्वस्तीकरण का मलबा हटाकर यहां सुंदरीकरण शुरू किया जाएगा।
एलडीए करीब एक लाख पौधे लगाएगा। कुकरैल बंधे पर सड़क बनाकर लाइटें भी लगाएगा। इस कार्य को एलडीए ने अपनी अवस्थापना निधि में शामिल कर लिया है। एलडीए के उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि कुकरैल नदी के किनारे करीब 15 एकड़ जमीन को पौध रोपण के लिए चिह्नित किया गया है।
15 दिन में मलबा हटाकर शुरू होगा सौंदर्यीकरण
अकबर नगर फेज-1 और 2 में बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है। अब मलबा हटाने का काम शुरू होगा, जिसे 15 दिन के अंदर पूरा करा लिया जाएगा। वीसी ने बताया कि मलबा हटाने के बाद सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा। इसके तहत कुकरैल नदी के दोनों किनारों को संवारने के साथ ही आकर्षक हाॅर्टीकल्चर वर्क करवाया जाएगा ।
जाने कैसी है अबरार नगर की बसावट
अबरार नगर में करीब 800 से ज्यादा मकान हैं। आर्थिक तौर पर यहां काफी सम्पन्न लोग रहते हैं। जिन घरों को गिराया जाना है उनमें 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी लागत और प्रापर्टी की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। यहां कई सरकारी विभाग के आला अधिकारियों के मकान बने हुए हैं। यहां के लोग अकबरनगर से ज्यादा रसूखदार है। बताया जा रहा है कि यहां भी ज्यादातर मकान यहां भी कुकरैल की जमीन पर बना है। यहां के मकान भी दो से तीन दशक पुराने है। यहां मौजूदा समय 5000 हजार रुपए क्ववायर फीट से ज्यादा महंगी जमीन है।
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