अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। विश्व दिव्यांगता दिवस पर तीन दिसंबर को लोक भवन सभागार में राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
समारोह में उत्कृष्ट दिव्यांग व्यक्तियों, दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों, स्वैच्छिक संगठनों और दिव्यांग खिलाड़ियों सहित 19 लोगों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
इस वर्ष वाराणसी को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया है। इस कार्य के लिए वहां के जिलाधिकारी को सम्मानित किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मुरादाबाद सुमित यादव को बाधामुक्त वातावरण के सृजन के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
गैर-व्यावसायिक श्रेणी में डा. कौशिकी सिंह (लखनऊ) और व्यावसायिक श्रेणी में राम किशन गुप्ता (कानपुर नगर) को दिव्यांगजन के हित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
प्रेरणास्रोत में राधास्वामी दृष्टिबाधित संस्था द्वारा संचालित आगरा आवासीय दृष्टिबाधित विद्यालय सी 218, पेठा नगरी, कालिंदी विहार के सचिव स्वामी प्रताप सिंह (आगरा), मुकेश मिश्रा (लखनऊ) और मानवेन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ), सम्मानित होंगे।
सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी के रूप में संतबली चौधरी (गोरखपुर), अरुण कुमार अग्रवाल (लखनऊ) और गोपाल कृष्ण त्रिपाठी (कानपुर नगर) को सम्मानित किया जाएगा।
पुनर्वास में योगदान के लिए नई सुबह संस्था (वाराणसी) और सर्वश्रेष्ठ नवीन अनुसंधान के लिए जन विकास समिति (वाराणसी) को पुरस्कृत किया जाएगा।
सृजनशील दिव्यांग बालिका में दिव्यांशी कसौधन (गोरखपुर) और सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में महिला श्रेणी में प्रगति केसरवानी (लखनऊ) व पुरुष श्रेणी में दीपेन्द्र सिंह (सम्भल) को पुरस्कृत किया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ अधिकारी के रूप में लक्ष्मीशंकर जायसवाल, प्रधानाचार्य, स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इण्टर कालेज (गोरखपुर) और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के रूप में प्रशान्त कुमार, वरिष्ठ सहायक, कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी (कानपुर नगर) को सम्मानित किया जाएगा।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।