
अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। न्याय का मंदिर कहे जाने वाली दीवानी (आगरा) में नीरज कुमार बख्शी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश न्यायालय संख्या 11, से वरिष्ठ अधिवक्ता रिंकू पठान व उनकी टीम ने सत्यता के आधार पर फर्जी मोबाईल लूट से संबंधित मुल्जिमों को दोष मुक्त कराते हुए फिर से खाकी वर्दी को एक आईना दिखाया है। वरिष्ठ अधिवक्ता रिंकू पठान का कथन है कि न्याय के मन्दिर से फर्जी मुक़दमों के पीड़ितों को न्याय मिलने में देर हो सकती है, परन्तु निर्दोषों पर दोष सिद्ध नहीं हो सकता है।
अधिवक्ता रिंकू पठान का कहना था कि, इस फर्जी मुकदमे में परिश्रमपूर्ण कार्य किया गया। तारीख पर तारीख़ लेकर जिरैह होती रही, परंतु माननीय न्यायालय द्वारा सत्यता को दृष्टिगत रखते हुए फर्ज़ी फंसाए गए निर्दोषों को दोष मुक्त करते हुए एक सच्चाई की नजीर पेश की गई है। अधिवक्ता रिंकू पठान ने बताया कि गत वर्ष पूर्व थाना हरी पर्वत हाजा में एक मुकदमा अपराध संख्या 352, 2014 धारा 392, 411, के अंतर्गत नवाब दुर्रानी, शादाब के विरुद्ध दर्ज किया गया था। रिंकू पठान से पीड़ितों ने बताया कि वकील साहब हम निर्दोष हैं, हमे फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है, आप हमारी पैरवी करें। पीड़ितों की दिल की आवाज को वरिष्ठ अधिवक्ता रिंकू पठान, एन एम ख़ान, महमूदुल हसन, साकिर ख़ान, मुन्तजिर ख़ान, शारिक पठान एडवोकेट द्वारा समझा गया और सत्यता के आधार पर बारीकी से पैरवी की गई जिसके परिणाम स्वरूप न्यायालय द्वारा मुकदमे को दृष्टिगत रखते हुए फर्ज़ी फंसाए गए निर्दोषों को माननीय न्यायालय द्वारा सत्यता के आधार पर दोष मुक्त किया गया है।
न्यायालय द्वारा न्याय हित में एक सच्चाई की नजीर पेश की गई है, जिसमे नवाब दुर्रानी पुत्र खुर्शीद दुर्रानी, शादाब पुत्र शमशाद अख़्तर को दोष मुक्त किया गया है। ज्ञात हुआ कि पूर्व में भी वरिष्ठ अधिवक्ता रिंकू पठान द्वारा कई ऐसे मुकदमों में सत्यता के आधार पर निर्दोषों के प्रति सच्चाई की जंग लड़ते हुए परिश्रम कर तारीख पर तारीख जिरैह करते हुए कई ऐसे निर्दोषों को दोष मुक्त कराने में अपना अहम किरदार अदा किया है। जो एक अच्छे वकील की भूमिका होती है। यही कारण है कि पीड़ित दोष मुक्त होने पर वरिष्ठ अधिवक्ता रिंकू पठान सहित उनकी टीम को लख-लख बधाईयां एवं शुभकामनाएं देते हुए ईश्वर से लंबी उम्र दीर्घायु की कामना करते नज़र आ रहे थे। यह नज़ारा दीवानी परिसर में मस्जिद के निकट प्रथम तल पर कमरा नंबर 14 में देखने को मिला। ऑफिस में अधिवक्ता रिंकू पठान आदि सभी इस जीत पर गदगद नजर आ रहे थे, रिंकू पठान का कहना था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और निर्दोषों को झूठे मुकदमों में फंसाया ना जा सके। सत्यता हमेशा असत्य पर भारी होता है।
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