आगरा ( अर्जुन रौतेला)। 8 नवम्बर मंगलवार 2022 के चन्द्रग्रहण के बारे में संपूर्ण जानकारी!
जोधपुर पंचांग के अनुसार भारत में चंद्रग्रहण चंद्र उदय के साथ शाम 5:53 से लगेगा।
सूतक सुबह 5:53 से शुरू हो जाएगा , और ये विरल छाया के साथ शाम 7:27 बजे मोक्ष होगा।
अलग-अलग क्षेत्रों में चंद्र उदय का समय अलग अलग होता है , इस वजह से ग्रहण का सूतक का समय भी अलग-अलग रहेगा।
इस अवसर पर बाबाजी के दरबार की सारी पूजाएँ प्रातः 5:40 तक पूर्ण कर दी जाएगी।
शाम 8:30 बजे बाबाजी के मुख्य द्वार को शुद्धीकरण पश्चात् दर्शन हेतु खोला जाएगा ।
सूतक शुरू होने से पहले ही घर में रखी हुई खाद्य सामग्रियों में कुश या तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए ।
ऐसा इसलिए किया जाता है , क्योंकि सूतक काल में खाने-पीने की चीजें अशुद्ध हो जाती हैं , और तुलसी या कुश डाल देने से वो चीजें शुद्ध बनी रहती हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।
ग्रहण का सूतक काल अशुभ माना जाता है. इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए, और देवी-देवताओं को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
इस दौरान पेड़-पौधों को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए, और साथ ही यात्रा करने से भी बचना चाहिए. ग्रहण काल में कैंची, चाकू, सुई जैसी नुकीली धारदार चीजों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय ना ही भोजन पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिए, ऐसा करने से गर्भ में पल रही संतान नकारात्मक ऊर्जा से बची रहती है। ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है , कि सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।