
फतेहपुर सीकरी के तुर्की सुल्ताना महल में 450 साल पहले लाल बलुआ पत्थर से तामीर किए गए। इतने सालों में यहां पहली बार ये हादसा हुआ है। ये महल मुगल बादशाह अकबर की रानी रुकैया बेगम का है।
फतेहपुर सीकरी के पंच महल परिसर में अनूप तालाब के पूर्व में अकबर की तुर्की (अब तुर्किए) मूल की बेगम रुकैया का महल है। यह महल 450 साल पहले तामीर किया गया था। इस महल की सजावट तुर्की के शिल्पकारों ने की थी। मुगल काल के इतिहासकार बदायूंनी ने इसे ‘हुजरा-ए-अनूप तलाओ’ लिखा है।
तुर्की सुल्ताना के महल में लाल बलुई पत्थर की दीवारों, छतों एवं स्तंभों पर की गई कार्विंग इतनी बारीक है कि यह लकड़ी का आभास देती है। रुकैया बेगम के महल के दाईं ओर दीवान-ए-आम का 350 फुट लंबा नक्काशीदार हॉल बना है। लकड़ी की तरह बारीक नक्काशी वाली इस इमारत को ‘शानदार गहनों का ताबूत’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रत्येक पत्थर के स्लैब में एक अलग डिजाइन है। बरामदे के खंभों पर अरबी डिजाइन और घंटी के आकार, फूल की नक्काशी के साथ छत को सहारा देने वाले ब्रैकेट पर भी नक्काशी है।
पंचमहल हादसों के कारण किया था बंद
टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के अध्यक्ष राजीव सक्सेना के मुताबिक मुगल शहंशाह अकबर की ताकतवर रानी रुकैया बेगम का अब केवल महल का एक कमरा बाकी है लेकिन पहले यह बड़ा परिसर था। अनूप तालाब और अकबर का शयन कक्ष इसी महल परिसर का हिस्सा था। पांच मंजिला पंच महल इसके ठीक सामने है, जिसमें 176 खंभे हैं। पंचमहल को 30 साल पहले पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। इसी तरह अनूप तालाब के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है।





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