एक करोड़ से ज्यादा का चूना

गाजियाबाद में बड़ा साइबर स्कैम : कंपनी के ईमेल सिस्टम में सेंध लगाकर एक करोड़ से ज्यादा का चूना, सिर्फ एक अक्षर बदलकर कर दिया खेल 


गाजियाबाद : साइबर क्रिमिनल्स ने कौशांबी स्थित ऑटोमोटिव टेस्ट सिस्टम्स कंपनी को एक करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। दरअसल कंपनी को कच्चे माल की जरूरत थी और इस संबंध में ब्रिटेन की एक जानी-मानी कंपनी से डील चल रही थी। इसी बीच साइबर क्रिमिनल्स ‌फिशिंग मेल के ज‌रिए दोनों कंपनियों के बीच घुस गए और आईसीआईसीआई व एचडीएफसी बैंक के दो खातों एक करोड़, पांच लाख, 38 हजार, 832 रुपए के बराबर ब्रिटिश मुद्रा (पाउंड) ट्रांसफर करा ली। 6 जून और 9 जुलाई, 2024 के बीच तीन बार में भुगतान किया गया, लेकिन भुगतान ब्रिटेन की कंपनी को नहीं मिला। ऑटोमोटिव टेस्ट सिस्टम्स कंपनी के मालिक ने जब ब्रिटेन की कंपनी से पेमेंट की कंर्फेमेशन प्राप्त करने का प्रयास किया तो तब उन्हे यह जानकारी हुई। कपंनी की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

फिशिंग मेल में खाता विवरण बदलने को कहा गया

ऑटोमेटिव टेस्ट ‌सिस्टम्स की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि हम ‌ब्रिटेन की जिस कंपनी से माल आयात करने की बात कर रहे थे। उस कंपनी के नाम से ही उन्हें मेल प्राप्त हुआ था। सेंडर के नाम में ब‌हुत मामूली सा फर्क था, जो पकड़ में नहीं आया। इस मेल के जरिए हमारी कंपनी के साथ हुई डील के लिए पेमेंट हेतु खाता विवरण बदलने के लिए कह‌ा गया था। इसी मेल में आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक के दो खातों की जानकारी भेजकर उनमें भुगतान की बात कही गई। यह खाते भी उस कंपनी से मिलते-जुलते नाम पर ही थे। बाद में मिलान करने पर पता चला कि ई-मेल आईडी में केवल एक एल्फाबेट का अंतर था।

इन तारीखों में हुआ भुगतान

कंपनी की ओर से साइबर थाना पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया ‌है कि यह राशि तीन बार में आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक के खातों में भेजी गई थी। 47,732.32 ब्रिटिश पाउंड का पहला भुगतान आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 6 जून, 2024 को हुआ था। दूसरा भुगतान 27 जून को एचडीएफसी बैंक के खाते में 31,212 पाउंड का किया गया। जबकि 22,637 ब्रिटिश पाउंड का तीसरा और अंतिम भुगतान 9 जुलाई, 2024 को हुआ। खाता नंबरों के साथ तीनों ट्रांजेक्शन आईडी भी साइबर थाना पुलिस को उपलब्ध कराई गई हैं।

दूसरे खाते में पेमेंट मांगने पर हुआ शक

आॉटोमोटिव टेस्ट सिस्टम्स में पार्टनर रामनाथन श्रीनिवास का कहना है कि उन्हें एक बार शक हुआ था कि ‌कंपनी दूसरे खातों में भुगतान क्यों मांग रही है, लेकिन मेल में दिए गए खाते भी उसी कंपनी के नाम पर दिख रहे थे और कंपनी के नाम को देखते हुए उन्होंने इस बात को अनदेखा करते हुए भुगतान कर दिया। बाद में पेमेंट कन्फर्म के लिए उन्होंने कंपनी में संपर्क किया तो पैरों तले की जमीन खिसक गई। रकम कंपनी को प्राप्त ही नहीं हुई थी। अब ऑटोमोटिव टेस्ट सिस्टम्स की ओर से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फिशिंग मेल क्या है ?

फिशिंग मेल हैकर्स के द्वारा लोगों का झांसा देने के लिए प्रयोग किया जाता है। इनकी मेल आईडी जानी मानी किसी कंपनी के नाम से मिलती- जुलती होती है और लोग आसानी से उनकी बातों पर यकीन कर लेते हैं और ठगी का शिकार बना लिए जाते हैं। आटोमोटिव टेस्ट सिस्टम्स के साथ भी यही हुआ। उनकी डील ‌ब्रिटेन की रैपुटेड कंपनी से चल रही थी, इसलिए उन्हें जालसाजी होने का शक नहीं हुआ और एक करोड़ का चूना लग गया।

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