आगरा संवादाता – अर्जुन रौतेला। रक्षा मंत्रालय और एन सी सी निदेशालय, नई दिल्ली द्वारा चलाये जा रहे युवा प्रतिरूपण कार्यक्रम (युथ एक्सचेंज प्रोग्राम) के तहत आज २३ मित्र देशों के १९८ कैडेट्स और ४३ ऑफिसर्स ने आगरा प्रवास के तहत ताजमहल और आगरा किला का दीदार किया। इस दौरान भारतीय एन सी सी कैडेट्स भी उनके साथ मे घुलमिलकर मित्र देश के सहभागियों को भारतीय संस्कृति और मुगल सल्तनत से रूबरू करवा रहे थे। एन सी सी मुख्यालय की तरफ से टीम का नेतृत्व कर रहे कर्नल प्रेम सिंह ने बताया कि ये अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधि मंडल है। इस प्रतिनिधि मंडल में श्रीलंका, वियतनाम, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, मलेशिया, कज़ाकिस्तान, क्रिगिस्तान, सिंगापुर, लाओस, भूटान, रूस, नेपाल, नाइजीरिया, ताजिकिस्तान, मोज़ाम्बिक, वेनेज़ुएला, सऊदी अरेबिया, अर्जेंटीना आदि देशों के कैडेट्स ने भाग ले रहे हैं।
कर्नल सिंह ने बताया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम भारतीय सरकार की एक अनूठी पहल का नतीजा है और इससे हमारा मित्र देशों के साथ अच्छा समामन होता है। जब मित्र देशों के कैडेट्स हमारे यहां आते हैं तो वे भारतीय सभ्यता, संस्कृति, और खानपान से परिचित होते हैं वे अपने भारत प्रवास के दौरान विभिन्न भारतीय नेताओं से रुबरु होने के साथ साथ गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम और प्रधानमंत्री रैली में भी हिस्सा लेते हैं, और इस प्रकार भारतीय कैडेट्स को इस प्रोग्राम के तहत अलग अलग देशों में जा कर वहां के रीतिरिवाजों को सीखने का मौका मिलता है।
प्रतिनिधि मंडल का स्वागत एन सी सी मुख्यालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ब्रिगेडियर राजेन्द्र कुमार, एस एम, वी एस एम ने किया, अपने संबोधन में उन्हीने प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों का स्वागत, अभिनंदन और आभार प्रगट करते हुए कैडेट्स को भारत की सम्रद्ध संस्कृति से अवगत करवाया।इस दौरान एन सी सी मुख्यालय, आगरा के कार्यकारी ग्रुप कमांडर कर्नल सिंह, १ उत्तर प्रदेश वाहिनी, एन सी सी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल महेंद्र सिंह रोहिल, एस एम, प्रशासनिक अधिकारी कर्नल एस सुभीर कुमार, कैप्टन मनीष कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफलता पूर्वक संम्पन्न कराने और व्यवस्थाओं की देखरेख में एस एम सूबेदार मेजर बलदेव सिंह, सूबेदार कुलदीप सिंह, हवलदार अनिल, हवलदार धर्मेंद्र का विशेष योगदान रहा।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।