गुजरात के सूरत शहर के पास सचिन के पाली गांव में एक ५ मंज़िला इमारत ढह गई, जहाँ अलग-अलग राज्यों से आए सैकड़ों प्रवासी मज़दूर रह रहे थे। इनमें से ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर पावरलूम सेक्टर में काम करते हैं। वे दो शिफ्ट में काम करते हैं। दिन की शिफ्ट और रात की शिफ्ट। यह घटना दोपहर करीब 2:00 बजे हुई, जब रात की शिफ्ट के मज़दूर इस इमारत में मौजूद थे। इमारत के विशाल आकार से कोई भी आसानी से समझ सकता है कि वहाँ बड़ी संख्या में मज़दूर रह रहे होंगे। कई लोगों ने अपने बच्चों, परिवार के सदस्यों और खुद की जान भी गँवा दी है। ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर सूरत और आस-पास के इलाकों में इस दयनीय हालत में रह रहे हैं। इस इमारत का निर्माण 7 साल पहले यानी 2017 में हुआ था। सवाल यह है कि इतने कम समय में यह इमारत कैसे ढह गई। क्या इस इमारत को बीओ प्रमाणपत्र मिला था या यह अन्य तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करती थी? इसलिए इस इमारत के निर्माण के बारे में न्यायिक जाँच होनी चाहिए। इसके साथ ही सभी घायल मज़दूरों और उनके परिवार के सदस्यों को उचित और मुफ़्त इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए और बीमार मज़दूरों और ढही हुई इमारत में अपना सब कुछ खो चुके लोगों को उचित मोबाइल मुआवजा दिया जाए इस मौके पर पहुंचे 84 विधानसभा के विधायक श्री संदीप भाई देसाई और पुलिस प्रशासन एवं फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए फंसे हुए लोगों को अस्पताल पहुंचा की व्यवस्था की टी एन न्यूज २४ आवाज जुर्म के खिलाफ सूरत से संवाददाता राजेंद्र तिवारी की खास रिपोर्ट स्थानीय समस्या और विज्ञापन के लिए संपर्क करें 9879 8 55419
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