*UP, गुजरात सहित अन्य राज्यों के लिए सतना कलेक्टर के यहां से जारी हुए थे 12 बोर के 40 लाइसें। मध्य प्रदेश के सतना जिले में वर्ष 2011 से 2013 के बीच हुए शस्त्र घोटाले का फलक बड़ा होता जा रहा है। मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा दर्ज 112 प्रकरणों में सामने आया है कि लगभग 40 लाइसेंस दूसरे राज्यों या पूरे देश के निवासियों के लिए दिए गए थे। 12 बोर का लाइसेंस कलेक्टर मात्र प्रदेश के निवासियों के लिए ही दे सकते थे। दूसरे राज्यों में प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लिए जारी लाइसेंस की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रही। यह जानकारी एसटीएफ द्वारा दर्ज प्रकरणों की जांच में सामने आई है।
*अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में*
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि इन 112 प्रकरणों में 28 प्रकरणों को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 35 में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जा चुका है। बाकी में जांच चल रही है। आगे की जांच में तत्कालीन एडीएम और कुछ अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी जांच की परिधि में आ सकते हैं। इन्हें आरोपित भी बनाया जा सकता है। संदेह के घेरे में उस समय कार्यरत रहे दो कर्मचारी और एक अधिकारी की मौत भी हो चुकी है। यहां दूसरी गड़बड़ी 12 बोर का लाइसेंस देने वालों को कारतूस देने में भी हुई। नियमानुसार शस्त्र लाइसेंस के समय 10 और पूरे साल में अधिकतम 25 कारतूस दिए जा सकते हैं।
*22 लोगों का ही 12 बोर का लाइसेंस निरस्त*
यहां लगभग 40 लोगों को प्रारंभ में 20 और उसके बाद वर्ष में 50 कारतूस दे दिए गए। जिन्हें कारतूस दिए गए उन्होंने उसके उपयोग का विवरण भी कलेक्टर कार्यालय में नहीं दिया। गड़बड़ी उजागर होने के बाद 10 वर्ष से अधिक हो चुके हैं, पर अभी 22 लोगों का ही 12 बोर का लाइसेंस निरस्त किया गया है।
*कलेक्टर को अधिकार*
12 बोर का लाइसेंस देने का अधिकार कलेक्टर का होता है, इसलिए निरस्त करने का अधिकार भी उन्हीं को है। एडीजी एसटीएफ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। इसमें कुछ और अधिकारी-कर्मचारी संदेह के घेरे में आ सकते हैं।
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