संवादाता अर्जुन रौतेला। जनपद हाथरस के बघैना (कंजौली) गांव में 3 अप्रैल दिन बुधवार से प्रारंभ हुई श्रीमद्भागवत कथा के आज छठवें दिवस में योगिराज भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
कथा प्रवक्ता राजेश पाराशर ने कहा कि जब कंस के अत्याचार जब बढ़ने लगे तो भक्तों ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि हे प्रभु, अब तो आप ही इस दुष्ट से हमको बचा सकते हो, तब विष्णु भगवान के अवतार ने श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से कंस की जेल में जन्म लिया तो वासुदेव ने बालक श्रीकृष्ण को बाबा नन्द की पत्नी यशोदा के घर पहुंचा दिया और उनकी बेटी को लाकर कंस के हवाले कर दिया, जब कंस ने उस बालिका को मारना चाहा तो हाथ से छूटकर अंतर्ध्यान हो गई, जिसने कंस को बताया कि तेरे को मारने वाला तो बाबा नन्द के घर जन्म ले चुका है।
पुष्प वाटिका में राम ज्ञान, लक्ष्मण बैराग, सीता भक्ति तीनों का मिलन हुआ है, जहां भक्ति होगी वहां ज्ञान और बैराग स्वयं आ जाएगा। आज की कथा में तीनों का एक साथ मिलन नृत्य हुआ है।
तीनों की एकता से सिद्ध होता है कि ज्ञान भक्ति वैराग्य से प्रेमपूर्वक नित्य ऐसी कथा सुनने और आचरण में लाने से हमारा जीवन ही नहीं अपितु हमारा देश उन्नति को प्राप्त हो जाएगा।
श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान श्यामवीर सिंह एवं भूरी देवी पूर्व प्रधान, परीक्षत धर्मवीर सिंह एवं रेखा देवी के अलावा शास्त्री रनवीर सिंह, आगरा से आए उत्तर प्रदेश किसान नेता मोहन सिंह चाहर सहित क्षेत्र की जनता जनार्दन ने भागवत कथा सुनकर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
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