ग्रामीण अंचलों में मरीज पहले-पहल पहुंचते हैं झोलाछाप डाक्टर साहब के पास एक ही दिन में पहले के भी मरीज को देखते हुए उन्हें अपने स्तर से जनरली दवाओं के साथ कनेक्ट एंटीबायोटिक दवाओं इंजेक्शन सीरप आदि देकर ये डाक्टर साहब फिर आने को कह देते हैं ,,,,, पुनः जब दूसरी बार मरीज आया को डाक्टर साहब की दवाओं ने पहले की अपेक्षा अधिक उस मरीज की जेब ढीली कर दी यदि तबियत ठीक नहीं स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो ले जाओ बड़े डाक्टर साहब के पास दिखाओ इन झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार गांव गांव में दूसरों के मेडिकल खोलकर दवाओं की बिक्री करने की लाइसेंस से हीं मरीज को अपने यहां बेहिचक भर्ती भी कर लेते हैं और उनका ट्रीटमेंट हाई फाई रूप से करते हैं यह ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम चल रहा है गांवों के भ्रमण करने पर आप देख सकते हैं ,,,, नानपारा के आसपास शिवपुर क्षेत्र बाबागंज क्षेत्र भारत नेपाल सीमावर्ती रूपैइडीहा नवाबगंज क्षेत्र कतर्निया मिहींपुरवा क्षेत्र और बहराइच से नानपारा के बीच में पड़ने वाले क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है इन क्षेत्रों में TN NEWS 24 चैनल की टीम भ्रमण पर निकली तो ऐसा देखने को मिला ,,,,,, झोलाछाप डॉक्टरों के तो बारे में मौके पर देखिए ,,,,,और खुल रहे खुले नर्सिंग होम में फिजीशियन , सर्जन अन्य बीमारी के विशेषज्ञ का नाम बड़े बड़े अक्षरों में अंकित ,,,,,चाहे उनके नाम पर बीमार मरीजों को बेहतर ढंग से दवा पानी और इलाज का खर्च कम में दावा का प्रयोग करते हुए मरीज की जांचोपरांत सस्ते मददें निपटने की मजबूरी उस बीमार मरीज के परिजनों को ब्यय करना हीं पड़ता है और दवाओं का बिल न देते हुए मात्र दवा लिखा पर्चा थमा दिया जाता है आज भी लोग डाक्टर को भगवान की तरह मानते हैं ,,, पर इनसे भी बिश्वास क्यो उठता जा रहा है शायद ऐसा हो करुणा सेवा की भावना कम होती जा रही है ,,,,, इनमें कुछ ऐसे नर्सिंग होम हैं जो बीते दिनों में सील किए गए दोबारा नाम व जगह बदल कर फिर से चालू हो गए हैं वहीं अच्छे इलाज के नाम पर मरीज को लूट रहे है जबकि गांवों में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर व नर्सिंग होम संचालक चांदी काट रहे हैं तमाम नसिंग होम बिना पंजीकरण के संचालित हैं ,,,
हम बनें मरीज जाना यह हाल,,
इस
न्यूज़
को आप
पढ़ें ,,,,,
मरीजों को खुब लूटा जाता है और फिर जिला मुख्यालय बहराइच या राजधानी लखनऊ मरीज की बीमारी को ठीक न कर पाने की दशा में भेज दिया जाता हैं ,,,,,। मरीजों के परिजनों को
ढंग से ठीक कर दिया जाता है कुछ परिजनों ने उन्होंने अपनी ब्यथा व्यक्त करते हुए कहा और बताया कि कुछ ऐसे नर्सिंग होम के डाक्टर हैं कि घर जमीन तक गिरवीं बिक्री करवा दी जिसकी बाईट उपलब्ध है और मरीज को स्वस्थ नहीं कर पाए यह एक विचारणीय प्रश्न है ऐसे में नकेल कसना क्या अति आवश्यक नहीं ,,,, कस्बों के आसपास पास और गांवों में देखा गया है कि मेडिकल दवाखाना खोलने के लिए अध्ययन कर रहे अभी शिक्षा पूर्ण नहीं प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं प्रैक्टिस करते हैं बनकर डाक्टर साहब ,,,,,यह कैसे संभव होता है स्वास्थ्य विभाग हीं जाने ,,,,,, जब इन झोलाछाप डॉक्टरों से मरीज की बीमारी ठीक नहीं हो पाती तो वें अपना संबंध बनाये हुए नर्सिंग होम में सुधार हेतु भर्ती करवा देते हैं और अपने स्तर से मेडिकल भाषा में मरीज को समझा देते हैं ,,,, दैनिक हिन्दुस्तान समाचार पत्र में शिवपुर क्षेत्र के अवैध खुल रहे नर्सिंग होम की हालत को देखते हुए समाचार प्रकाशित किया है ,,,,, अब देखना यह है कि जिले के मुख्य मेडिकल आफिसर ,,, और बतौर सरकार के नियुक्ति इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी की कार्यप्रणाली भविष्य में कितना कारगर साबित होगा । मनोज पति त्रिपाठी ब्यूरो चीफ TN NEWS 24 बहराइच ,8081466787, मास्क का प्रयोग करें और अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें ।
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ग्राम- सिलेटनगंज पोस्ट बलहा तहसील – थाना- नानपारा जिला बहराइच (उत्तर प्रदेश), मानवाधिकार कार्यकर्ता – जिला संयोजक मानवाधिकार जन निगरानी समिति बहराइच !
स्वतंत्र पत्रकार एवम् सोसल मीडिया के चर्चित सूचना अधिकार कार्यकर्ता – मनोज त्रिपाठी।