*सर्वविदित है भारत का अद्भुत अस्तित्व निराला..*
(नाहिद अली आगरा ) *दुर्गा मंदिर नामनेर में गूँजे राष्ट्रीय चेतना के स्वर, कवियों ने जगाई देशभक्ति*
*स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की कड़ी में संस्कार भारती आगरा छावनी ने किया जिले के प्रथम शहीद परशुराम और समाजसेवी पूरन चंद अग्रवाल का भावपूर्ण स्मरण*
आगरा। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की कड़ी में संस्कार भारती आगरा छावनी के बैनर तले रविवार शाम नामनेर स्थित दुर्गा मंदिर में चेतना के स्वर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कवियों ने देशभक्ति का भाव जगाया, तो वक्ताओं ने जिले के प्रथम शहीद परशुराम और समाजसेवी, संस्कार भारती के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आगरा के पूर्व विभाग संघचालक, पूरन चंद्र अग्रवाल का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उनके द्वारा समाज और राष्ट्र की सेवा में किए गए योगदान को सराहा।
*ये नई सदी का भारत है*
ये नयी सदी का भारत है।आन्दोलित कोना कोना है। यदि कुछ चुनौतियाँ आ जायें, तो किन बातों का रोना है.. इन पंक्तियों से लोकप्रिय गीतकार डॉ. राजकुमार रंजन ने देशवासियों में ऊर्जा का संचार किया।
वरिष्ठ कवि सुशील सरित ने समारोह में जन्माष्टमी का रंग घोल दिया- “अधर मधुर है, बदन मधुर है, नयन मधुर। हँसी मधुर तेरी, हृदय मधुर है, गमन मधुर।मधुर मधुर है तेरा चिंतन नमो नमो। हे गिरधारी! हे मनमोहन! नमो नमो..”
निशिराज की मधुर आवाज में देशभक्ति का ये रंग सब के दिल को छू गया- “ए मेरे वतन, वतन मेरे वतन। है निराला दुनिया में मेरा चमन…”
अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने देशभक्ति का भाव इस तरह जगाया- “पानी में इसके प्रज्ज्वलित है देश प्रेम की ज्वाला। सर्वविदित है भारत का अद्भुत अस्तित्व निराला। आओ मेरे देशवासियो! मिलजुल सभी विचारें। बढ़ते असमय अभिशापों को दृढ़ता से ललकारें।”
डॉ रमेश आनंद ने देशभक्ति का भाव यूँ प्रस्तुत किया- ” शपथ मुझे है धरती माँ की, नहीं जंग मैं होने दूंगा। विश्व शांति का परचम लेकर, आगे आगे सदा रहूंगा..”
वरिष्ठ कवि शिव शंकर सहज की पंक्तियाँ भी सीधे दिल में उतर गईं।
*शहीदों का स्मरण स्तुत्य*
समारोह में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बांकेलाल गौड़ ने देश के अमर शहीदों के भावपूर्ण स्मरण को स्तुत्य कार्य बताया।
संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए इसके राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया।
संस्कार भारती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रवाल एडवोकेट और समारोह के सह संयोजक रोहन अग्रवाल एडवोकेट ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम संयोजक दाऊजी अग्रवाल और वरिष्ठ कवि सुशील सरित ने समारोह का संचालन किया। हरिमोहन सिंह कोठिया, आशीष अग्रवाल, हरीश अग्रवाल ढपोरशंख, इंजी. नितिन गुप्ता, यतेंद्र सोलंकी, ताहिर सिद्दीकी और मुकेश त्यागी भ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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