आजमगढ़ 12 मार्च
आजमगढ़ जनपद वैसे तो 6 जिलों से घिरा हुआ यह जनपद है और यहां पर करीब 36 लाख 45 हजार 548 मतदाता है जो 2022 में मतदाता है जो 10 विधानसभाओ में अपने मत का प्रयोग करते हैं परंतु यहां पर भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत ही मुश्किल का जिला माना जाता है क्योंकि आजमगढ़ को अगर जातीय समीकरण के हिसाब से देखा जाए तो यहां पर मुबारकपुर 30% सगड़ी 45% आजमगढ़ सदर 34% गोपालपुर 29% लालगंज 28% निजामाबाद 32% अतरौलिया 29% फूलपुर पवई 35% दीदारगंज 31% और मेंहनगर में 32% पिछड़ा वोटर माने जाते हैं। जिसमें से लालगंज 39%, मेंहनगर 32%, और आजमगढ़ सदर में 30% सवर्ण वोटर हैं। तथा अनुसूचित जाति मतदाता दसों विधानसभा में करीब 25% तक है। अब लगभग 13.8% मुस्लिम वोटरों को साधने वाला उम्मीदवार ही चुनाव जीतता है। आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का हमेशा से रिजल्ट तीसरे या चौथे स्थान पर रहा करता था (2017 फूलपुर पवई को छोड़ दिया जाय तो) परंतु इस बार भारतीय जनता पार्टी के सरकार की सुशासन और राशन जनपद के सभी लाभार्थियों में खाद बीज का काम किया और यह प्रतिशत बढ़कर के इस बार करीब 29% होकर तीसरे चौथे नंबर पर जो भारतीय जनता पार्टी का मत प्रतिशत हुआ करता था दूसरे नंबर पर पहुंच गया यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। वैसे जनपद को देखा जाए तो टिकट बंटवारे में भी बहुत अनदेखी की गई इकलौती सीट फूलपुर पवई से अरुण कांत यादव का टिकट कटना, अतरौलिया में निषाद पार्टी जो पिछली बार 2478 मतों से हारे थे उनका टिकट कटना ,दूसरे दलों से आए विधायक को टिकट देना जनता ने नकार दिया जनपद में चर्चाओं पर अगर ध्यान दिया जाए तो सगड़ी विधानसभा से अरविंद जायसवाल का जीतना लगभग तय माना जा रहा था परंतु सगड़ी से बसपा से आए विधायक पर दांव लगाना और अरविंद जायसवाल को नई सीट मुबारकपुर पर भेजना यह भी एक कारण बना, उसी प्रकार निजामाबाद में भी नए प्रत्याशी को उतारना गोपालपुर में नए प्रत्याशी को उतारना, जनपद में पिछली बार की तुलना में भारतीय जनता पार्टी का मत प्रतिशत करीब 19% तो बढा और बसपा कमजोर हुई इसी वजह से समाजवादियों का गढ़ आजमगढ़ समाजवादियों दसों सीट जीत कर बचा लिया। इसे आप 2022 का जनादेश कहे या 2024 का संदेश।(कॉपी)
रिपोर्टर
आदित्य नारायण वर्मा
ब्यूरो चीफ
आजमगढ़
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