
जावरा रतलाम मध्य प्रदेश समाचार संवाददाता श्याम राठौर
एकात्म पर्व के अवसर पर सामाजिक समरसता के तहत सभी समाजनों का श्री श्री 1008 कृष्णानंद जी महाराज व महर्षि पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष भरत बैरागी द्वारा मंच पर किया गया सम्मान
आदि गुरु शंकराचार्य के एकात्म मानववाद को आत्मसात कर समाज को जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र को संगठित करने के लिये संपूर्ण समाज को एक रहने की सीख दी – बगलामुखी पीठाधीश्वर पीठाधीश्वर खाचरोद 1008 श्री कृष्णानंद जी महाराज के द्वारा
मामटखेडा – मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद विकासखण्ड पिपलौदा जिला रतलाम द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती के उपलक्ष्य में ग्राम मामट खेडा एकात्म पर्व का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम के मुख्यवक्ता मॉ बगलामुखी शक्तिपीठ खाचरोद पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 कृष्णानंद जी महाराज, मुख्यातिथि महर्षि पंतजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा), सारस्वत उदबोधन पं.संजय शिवशंकर दवे, विशेष अतिथि म.प्र. जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय, विकासखण्ड समन्वयक युवराज सिंह पंवार रहे।
कार्यक्रम के सभी अतिथियों के द्वारा सभी जाति वर्ग के प्रमुख वरिष्ठ नागरिकों का को शाल श्रीफल और तिलक लगाकर सम्मान कर समरसता का संदेश दिया ।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मॉ बगलामुखी शक्तिपीठ खाचरोद पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि समाज को संगठित, संस्कारित, और सही दिशा में ले जाने के लिये प्रत्येक घर में गंगा, गीता, और गाय को रखना होगा, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से पूरे प्रदेश में एकात्म पर्व का आयोजन हो रहा है जिससे प्रदेश में सामाजिक समरसता को बढावा मिलेगा, सभी को मिलकर आदि गुरु शंकराचार्य के एकात्म मानववाद को आत्मसात कर जातिगत भेदभाव को भूलकर राष्ट्र को सर्वोपरि रखना होगा, माताएं पहली गुरू शिक्षक होती है माताएं बच्चों को देशभक्त और राष्ट्र को गौरवान्वित करने वाले संस्कार दे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल के अध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा श्री भरत बैरागी ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने ऐसे समय में भारत को आध्यात्मिक रूप से जोड़ने का प्रयास किया जब देश में कई प्रकार से भारतीय संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास चल रहा था
जावरा रतलाम मध्य प्रदेश समाचार संवाददाता श्याम राठौर जावरा
तब आदि गुरु शंकराचार्य ने एकात्म मानववाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया और संपूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया, अद्वैतवाद हमें सिखाता है कि हम अलग अलग नहीं अपितु एक ही है, शंकराचार्य जी ने चार मठों की स्थापना कर पूरें देश की संस्कृति,संस्कार, और शिक्षा को मजबूती दी। प्रदेश सरकार के द्वारा एकात्म पर्व के माध्यम से पूरें प्रदेश में आदि गुरूशंकाराचार्य के जीवन और दर्शन को जन जन तक पहॅुचाने का सराहनीय कार्य किया है।
पं.संजय शिवशंकर दवे के द्वारा आदि गुरूशंकाराचार्य के द्वारा भारत भ्रमण कर देश की संस्कृति और संस्कार को जोडने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने भी अपने विचार रखे। विकासखंड समन्वयक युवराज सिंह पवार ने स्वागत भाषण एवं अतिथि परिचय करवाया कार्यक्रम का संचालन ईश्वरलाल पाटीदार ने किया एवं आभार विजय जी चतुर्वेदी ने माना ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति द्वारा अतिथियों को साल श्री फल से सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम के अंत में रतलाम से आए ज्योतिषाचार्य पंडित संजय शिव शंकर दवे ने रुद्राक्ष का वितरण किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सभी जाति वर्ग के बड़ी संख्या में ग्रामीण जन महिलाए एवम cmcldp छात्र उपस्थित थे
रिपोर्टर श्याम राठौर जावरा





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