
इस्लामी कलेंडर का पहला महीना मोहर्रम होता है जिसकी दसवीं तारीख को हजरते आदम अलैह को खुदा ने जमीन पर भेजा है दसवीं मोहर्रम को हीं हजरते इमाम हुसैन रजि रुइ इस्लामी निजाम (व्यवस्था) को कायम रखने के लिए अपने कुनबे के 72 लोगों के साथ हजारों यजीदी लश्कर का सामना करते हुए शहीद हो गए और हम प्रतिवर्ष उन्हीं की शहादत की याद को ताजा करने के लिए गम मनाते हुए मासिया गाते हुए राहे खुदा कर्बला में ताजिया रखकर दफन करते हैं । मनोज त्रिपाठी ब्यूरो चीफ बहराइच 8081466787,।





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