रितु सारस्वत संवादाता: भारतीय सेना में अब लड़कियां भी एनडीए के जरिए भर्ती हो पाएंगी। लड़कों की तरह लड़कियों को मिले इस अधिकार के बाद शहर की तमाम लड़कियों के सपनों को पंख लग गए हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें सिर्फ सीडीएस या एनसीसी विशेष एंट्री का ही इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि हर साल दो बार वह एनडीए से सीधे भारतीय सेना में शामिल होकर अपना सपना पूरा करने के साथ देश सेवा भी रोशन कर पाएंगी।
यह है जिले की स्थिति
एनसीसी वन यूपी गर्ल्स बटालियन के अंतर्गत जिले के करीब 600 स्कूल-कालेजों में एनसीसी संचालित हैं। उनमें हर वर्ष करीब 1400 गर्ल्स कैडेटों का पंजीकरण होता है। इनमें से ए सर्टिफिकेट के लिए हर साल करीब 400, बी सर्टिफिकेट के लिए करीब 800 और सी सर्टिफिकेट के लिए करीब 500 गर्ल्स कैडेट अपना पंजीकरण कराती हैं। इसके अलावा विभिन्न आनलाइन-आफलाइन कोचिंग के माध्यम से भी करीब तीन हजार लड़कियां सीडीएस के लिए कोचिंग ले रही हैं।
सेना में जाना मेरा सपना है। इसलिए मैंने एनसीसी ली है। सेना में जाने के लिए हमारे पास अब तक सिर्फ सीडीएस और एनसीसी स्पेशल एंट्री ही एकमात्र विकल्प था। लेकिन एनडीए में लड़कियों को अनुमति देने के बाद हमारे लिए हर साल विकल्प बढ़ जाएंगे।
नंदनी पवार, एनसीसी कैडेट।
इस फैसले ने हमें उत्साहित कर दिया है। अब 10वीं से ही सेना के लिए तैयारी करके 12वीं के पास चयन पाने का सुनहरा मौका मिलेगा, जिसके लिए हमें ग्रेजुएशन तक के लिए रुकना पड़ता था। यह फैसला बड़ा बदलाव लाएगा।
आराध्या चौधरी, एनसीसी कैडेट।
इस मौके का हमें बेसब्री से इंतजार था। अब 12वीं के बाद ही एनडीए देकर हम सेना में जाने का रास्ता तलाश पाएंगे। इसे भी करियर के तौर पर लेकर देश सेवा का सुनहरा अवसर मिलेगा। फैसले से हमारे सपनों को मुकाम मिलता दिख रहा है।
कौशिकी शुक्ला, छात्रा।
सेना में जाना मेरा सपना है, इसके लिए तैयारी कर रही हूं। पहले सीडीएस या एनसीसी स्पेशल एंट्री से ही जाने का विकल्प था, लेकिन अब एनडीए का विकल्प खुलने से और ज्यादा अवसर मिलेंगे। यकीनन मेहनत करके निराश नहीं होना पड़ेगा।
गर्ल्स कैडेटों को मिलेगा अधिकार
लैंगिंक समानता के लिए सरकार का बड़ा कदम है। गर्ल्स कैड्टों को सेना की सेवा में योगदान देने के अधिक अवसर मिलेंगे और अपनी दावेदारी के लिए उन्हें ग्रेजुएशन का इंतजार नहीं करना होगा। वह 12वीं के बाद नीट और जेईई की तरह सीधे एंट्री पा पाएंगी।
लेफ्टिनेंट डा. अमित अग्रवाल, कंपनी कमांडर, आगरा कालेज एनसीसी।
अभूतपूर्व फैसला है। इससे लड़कियों को उनका अधिकार मिलेगा। हालांकि नियम व्यवस्थाएं लागू होने के कारण अगले सत्र से लागू होगा। लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए ग्रेजुएशन तक इंतजार नहीं करना होगा, उससे उनका मन अक्सर लक्ष्य से भटक जाता था।
लेफ्टिनेंट डा. रीता निगम, गर्ल्स बटालियन कंपनी कमांडर, आगरा कालेज एनसीसी।
हमारे यहां 100 कैडेट की यूनिट में 30 गर्ल्स कैडेट हैं, जो सेना में जाने का सपना देखती हैं। इस फैसले से उनका सपना अब 12वीं के बाद पूरा होने की संभावना और बढ़ जाएगा क्योंकि सीडीएस के लिए उन्हें ग्रेजुएशन तक इंतजार करना पड़ता था। अब उन्हें 12वी में दो बार मौका मिलेगा। उनमें काफी उत्साह है।
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