डॉ. सुशील गुप्ता को मिला अंतर्राष्ट्रीय एक्सीलेंस इन एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड

आगरा संवादाता- अर्जुन रौतेला। कैम्ब्रिज एजुकेशन लैब और फिरनेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (नीसा) के सहयोग से 22 से 28 अक्टूबर, 2023 तक फिनलैंड एजुकेशन एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें 9 अलग-अलग राज्यों के 24 भारतीय स्कूल लीडर्स ने फिनिश शिक्षा प्रणाली का एक गहन और बेहतर अनुभव किया। इस शिक्षा अन्वेषण शिखर सम्मेलन के दौरान उन्हें प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय एक्सीलेंस इन एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रदान किया गया है।

हेलसिंकी और टूर्कू शहरों के बीच सोच-समझकर विभाजित किए गए इस छह दिवसीय कार्यक्रम ने फिनिश शिक्षा मॉडल का व्यापक ज्ञान प्रदान किया, जो अपने अभिनव दृष्टिकोण और असाधारण परिणामों के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है।

कार्यक्रम की शुरुआत फिनिश नेशनल एजेंसी फॉर एजुकेशन के दौरे से हुई, जहांँ प्रतिनिधियों ने फिनिश शिक्षा प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों में गहरी अंतर्दृष्टि की खोज की एवं इस बात का अवलोकन किया गया कि किस तरह फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली जनसांख्यिकीय कारकों पर विचार करने के लिए विशिष्ट रूप से संरचित है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ मजबूत परिणाम सामने आए हैं। चर्चा में फिनलैंड के विकेंद्रीकृत, विश्वास-आधारित दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया, जहाँ शैक्षिक जिम्मेदारी बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत स्कूलों और प्रदाताओं को सौंपी जाती है, जिसमें छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए शैक्षिक रणनीतियों को तैयार करने के लिए लचीलेपन और स्थानीय स्वायत्तता पर जोर दिया जाता है। इसके अंतर्गत न केवल शैक्षणिक उपलब्धि, बल्कि समग्र कल्याण और जीवन जीने के टिकाऊ तरीके को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।

कार्यक्रम के अंतिम दिन विभिन्न शैक्षिक चरणों को जाना गया। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर प्राथमिक शिक्षा, हाई स्कूल और यहांँ तक कि विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण में अंतर्दृष्टि तक, प्रतिनिधियों को फिनिश शिक्षा प्रणाली को क्रियान्वित करने, नवीन शिक्षण पद्धतियों, प्रौद्योगिकी के निर्बाध एकीकरण और लचीलेपन के महत्व को देखने का सौभाग्य मिला।

इस कार्यशाला के विषय में बताते हुए नीसा के उपाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि पूरी शैक्षिक यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी का उपयोग छात्रों के लिए आकर्षक और गहन सीखने के अनुभव बनाने के लिए किया गया था, जिससे उन्हें यह झलक मिली कि आधुनिक उपकरण और तरीके शिक्षा में क्रांति ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम भी अपने शैक्षणिक प्रयासों में इन सिद्धांतों को अपने विद्यालय में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि आजीवन सीखने वाले तैयार करने के लिए आश्चर्य की भावना, सिखने की ललक और आपसी सामंजस्य को बढ़ावा देना आवश्यक है। फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली में परस्पर सहयोग और टीम वर्क महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा कि “फिनलैंड कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और भारतीय स्कूल के सभी हितधारकों के लिए विकसित किए जा रहे कई कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलने की दिशा में हमारा पहला कदम है।”

कार्यक्रम की परिणति ने भारतीय स्कूल मालिकों को अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा प्रथाओं को संभावित रूप से बदलने के लिए भरपूर उत्साह और नए दृष्टिकोण से प्रेरित और सुसज्जित किया। फिनिश मॉडल ने शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में कार्य किया, जो उन्हें समग्र और लचीले दृष्टिकोण के महत्व की याद दिलाता है।

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gc goyal rajan
  • अर्जुन रौतेला आगरा

    रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद। सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।। मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना "दर्द अथवा कठिन कर्म" करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।

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