संवादाता अर्जुन रौतेला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आगरा महानगर द्वारा अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में ‘सबके राम , सबमें राम’ कार्यक्रम का आयोजन राव कृष्ण पाल सभागार,आरबीएस कॉलेज,आगरा में किया गया। जिसमे 750 से अधिक संख्या में शहर भर के विद्यार्थी वा शिक्षक उपस्थित रहे।कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक डॉ हरीश जी,केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील कुलकर्णी जी, बलवंत एजुकेशनल सोसायटी के सचिव युवराज अंबरीश पाल जी, अभाविप प्रांत संगठन मंत्री मनीष राय जी एवं आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. विजय श्रीवास्तव जी का रहना हुवा। कार्यक्रम का संचालन महानगर मंत्री तान्या सिंह ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. हरीश रौतेला प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रांत संगठन मंत्री अभाविप मनीष राय ,कार्यक्रम अध्यक्ष युवराज अम्बरीश पाल सिंह , केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ सुनील कुलकर्णी, आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य विजय श्रीवास्तव , महानगर मंत्री तान्या सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया|
मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक हरीश रौतेला ने कहा:- “प्रभु श्री राम ने 11000 वर्ष शासन किया जिसमे राम जी का शासन कहा तक था आप इस बात से अंदाजा लगा लीजिए की मोरिसिस ने भी 22 जनवरी को अपने सरकारी कार्यालयों का अवकाश घोषित किया है। इंडोनेशिया में भी बाली दीप पर सैकड़ों वर्षों से राम लीला हो रही है। वहा के मुस्लिम राजा भी कहते है कि हम राम जी के वंशज है और बताया कि सनातन वह धर्म है जिसमे पक्षी की जान बचाने को राजा शिवि ने अपने शरीर का एक एक टुकड़ा तक दे दिया था।”
अभाविप के प्रांत संगठन मंत्री मनीष राय ने कहा कि:- “राम राज्य का मतलब था सच का राज्य,राम जी ने अपने पिता के एक कहने पर अपने राज्य छोड़ दिया। जिनका अगली सुबह राज्य का शासन मिलने बाला था,वह वनवास पर चले गए। आज भी लोग कहते है बेटा हो तो राम जैसा और यह मंदिर निर्माण भावी पीढ़ी का चरित्र निर्माण करेगा।”
केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक सुनील कुलकर्णी ने कहा- “राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिपादित कर एक महान सांस्कृतिक आधार प्रतिष्ठित किया था। राम भक्ति के आधार हैं।”
युवराज अंबरीश पाल ने कहा कि :- “कल रामलला आदर्श मूल्य के साथ विराजमान हो रहे है,हम सभी को अपने भीतर इन मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए।
प्राचार्य प्रो. विजय श्रीवास्तव जी ने कहा कि श्रीराम जीवन का आधार है और पूरी भारतीय संस्कृति इसी आधार पर टिकी है और आगे बढ़ रही है।”
कार्यक्रम अध्यक्ष युवराज अम्बरीश पाल सिंह सचिव, बलवन्त एजुकेशनल सोसाइटी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विदेश से शिक्षा के लिए आए हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान के छात्र छात्राओं ने राम आयेगे भजन गा कर सबको मोहित कर लिया।इसके साथ ही अनेक शोभमान प्रस्तुति हुई फिर अंत में राम लक्षण सीता और हनुमान जी की आरती सभी पधारे गणमान्य लोगो ने की। शिक्षको में रामवीर चौहान, मनुकांत शास्त्री,प्रतिमा गुप्ता, निशांत चौहान, केपी सिंह,अमित अग्रवाल, पूनम तिवारी, आनंद, जोसना, विकास कुमार,शौर्यजीत सिंह, वीडी जैन की प्राचार्य वंदना अग्रवाल, समाजसेवी रेणुका डंग, समाजसेवी संजय अग्रवाल,आदि लोग उपस्तिथ रहे। इसी के साथ आगरा महानगर के समस्त कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।