इंडो थाई कल्चरल कॉनक्लेव में हुआ साझा संस्कृति का आदान प्रदान

आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला। भारतीय संस्कृति को विदेश में रह रहे सांस्कृतिक राजदूतों ने अपने प्रयासों से जिस तरह से सहेज रखा है उसकी एक झलक अभी पिछले सप्ताह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में देखने को मिली। वहां थाई इंडियन थियेटर क्लब के संस्थापक संजय कुमार ने 500 प्रतिभागियों के साथ एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जिसकी गूंज देश विदेशों में रही। शुक्रवार को उनके आगरा आगमन पर होटल भावना क्लार्क्स इन में इंडो थाई कल्चरल कॉनक्लेव और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दोनों देश की साझा संस्कृति का आदान प्रदान हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मेरठ मंडल के सह आयुक्त बच्चू सिंह और दिल्ली से पधारे आज तक चैनल के संपादक टीवी प्रस्तोता पंकज शर्मा और कार्यक्रम संयोजक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि पवन आगरी ने उनको कल्चरल एंबेसडर ऑफ इंडिया की उपाधि से विभूषित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ जीडी गोयनका प्रिंसिपल पुनीत वशिष्ठ, समाजसेवी कुलदीप ठाकुर, तपन ग्रुप के निदेशक सुदीप गर्ग, होटल भावना क्लार्क्स इन के जीएम गजेंद्र सिंह, इंक्रीडेबल इंडिया फाउंडेशन के अजय शर्मा एवम ब्रजेश शर्मा ने दीप प्रज्वलन करके किया।

इस अवसर पर वाह भाई वाह फेम कवि डा. प्रशांत देव, प्रसिद्ध शायर डा. सलीम अहमद ऐटवी और एलबम सिंगर सुजाता शर्मा ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया।

कार्यक्रम में इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति द्वाराचलाई जा रही मुहिम हरित भारत अभियान के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

इस अवसर पर शहर की जानी मानी हस्ती आर.बी. ग्रुप ऑफ एजुकेशन की चैयरमैन एव्ं वरिष्ठ समाजसेविका डॉ. ज़ीनत ज़ीशान के साथ विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जगत की अनेक सेलिब्रिटीज मौजूद रहीं।

 

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  • अर्जुन रौतेला आगरा

    रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद। सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।। मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना "दर्द अथवा कठिन कर्म" करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।

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