*रमणरेती आश्रम में होली के पश्चात श्रद्धालु भक्तों ने ब्रज रज से बनाया मकान।*
कान्हा की जन्म स्थली मथुरा में जितने आयोजन होते हैं ठीक उसी प्रकार द्वापरयुग से चली आ रहीं उतनी ही अलग-अलग मान्यताएं भी हैं।
मथुरा के महावन में स्थित रमणरेती आश्रम में गुरुवार को दूर दराज से पहुंचे श्रद्धालु भक्तों ने सबसे पहले ठाकुर श्री राधा कृष्ण के स्वरूपों के साथ 11 कुंटल फूल और गुलाल से जमकर होली खेली।
इस दौरान शाम को जब होली का समापन हुआ तो श्रद्धालुओं ने रमणरेती आश्रम में स्थित ब्रज रज को माथे पर लगा कर अपने आप को धन्य किया और कई श्रद्धालु तो ठाकुर जी की भक्ति में इस कदर डूब गए कि भगवान श्री कृष्ण की ब्रज रज में ही लोट पोट हो गए और द्वापरयुग से चली आ रही मान्यता के अनुसार भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण की ब्रज रज से अपने अपने मकान बना कर श्री कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहा कि ठाकुर जी अपने धाम में रहने का आशीर्वाद दे दें।
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