आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला। 21 वार्षिए अमित कुमार निवासी सुलतानपुरा जो दो पहिया वाहन पर जा रहे थे, को ताज रोड पर एक इको कार जो ड्राइविंग स्कूल की थी, ने टक्कर मारी और घायल अवस्था में छोड़ कर भाग गया। अपनी ड्यूटि खतम कर घर जा रहे 60 पैरा के हवलदार सुजीत कुमार सिंह , जो 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल में टेकनिशियान हैं, ने एक्सिडेंट की गंभीरता को देखते हुए , बिना हिचक के इंसानियत के नाते तत्काल एक्शन लेते हुए अमित कुमार को 60 पैरा के फील्ड हॉस्पिटल ले आए। अमित कुमार को फ़र्स्ट ऐड कि जरूरत को समझते हुए, इलाज शुरू किया। एक्सिडेंट के कारण अमित कुमार का जबड़ा टूट गया था उसके कारण जीभ अंदर जा रही थी जो सांस नली को ब्लॉक करती, उसको तत्काल ऊपर खींचना जरूरी था। हवलदार सुजीत कुमार ने दांत विभाग के साथियों के साथ मिलकर जीभ और जबड़े को स्थिर किया, जिसकी वजह से अमित कुमार को नुकसान होने से बचाया।
गोल्डन पीरियड में कार्यवाही
भारतीय फौज -60 पैरा के हवलदार सुजीत कुमार ने एक्सीडेंट के बाद “गोल्डेन पीरियड” में सूझ- बूझ, इंसानियत और संकट के समय भारतीय फौज की परंपरा का निर्वाह करते हुए अमित कुमार को मेडिकल हेल्प उपलब्ध कारवाई। सूप्रीम कोर्ट का आदेश है के एक्सीडेंट होने पर जन सामान्य, घायल की मदद करें। यह बहुत कम देखने को मिलता है। अगर एक्सिडेंट के तुरंत बाद इलाज मिलजाए तो कम हानि होती है – इसको ही गोल्डेन पीरियड कहते हैं।
युवक अमित कुमार कि जीभ और जबड़ा रेस्टोर समय पर करना जरूरी था। अमित कुमार के रिब, कोलर बोन और जबड़े में फ्रेक्चर फ्रेक्चर हो गया था। फ़र्स्ट ऐड दे स्थिर करने के बाद अमित कुमार को सेना ने आगे के इलाज के लिए एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा में स्तांतरित किया। अब अमित कुमार ठीक हैं और हवलदार सुजीत कुमार सिंह को भगवान के द्वारा भेजी गयी कृपा मानते हैं।
60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल
भारतीय फौज की आपदा के समय मेडिकल प्रबंधन को हर समय तत्परता से एक्शन में आने वाली रेजीमेंट है। देश और विदेश में कई आपदा मेडिकल प्रबंधन में सफलतापूर्वक हिस्सा ले चुकी है।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा , हवलदार सुजीत कुमार सिंह के कार्य को सैल्यूट करती है। आगरा में हिट और रन के बहुत से हादसे होते हैं, कोई मदद के लिए नहीं आता। पुलिस का डर और पशोपेश में “गोल्डेन पीरियड ” निकल जाता है। जो घायल व्यक्ति के लिए खतरनाक होता है। हवलदार सुजीत कुमार सिंह ने “बियोंड ड्यूटी ” का उदाहरण देते हुए, आगरा वासियों को “गोल्डेन पीरियड” में विडियो न बना कर मदद करने के लिए प्रेरित किया है। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने जानकारी हासिल की।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।