रितु सारस्वत संवादाता: जीआरपी आगरा कैंट के 12 साल पुराने मामले में इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया मंगलवार को दोपहर 12:20 बजे स्पेशल जज (एमपी-एमएलए) नीरज गौतम की कोर्ट में हाजिर हुए। सांसद की ओर से अधिवक्ता देवेंद्र सिंह, विजय आहूजा और महेश बघेल ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा कि 23 सितंबर को पत्रावली वास्ते सफाई साक्ष्य लगी थी। मगर, अपरिहार्य कारणों से हाजिर नहीं हो पाए। सांसद रामशंकर कठेरिया के अधिवक्ता भी विशेष कार्य से बंगलुरू चले गए।
कोर्ट ने 27 सितंबर को पुन: वारंट जारी किए थे, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल होने के कारण हाजिर नहीं हो सके। पूर्व में सभी तिथियों पर रामशंकर कठेरिया हाजिर होते रहे हैं। आगे भी हाजिर रहेंगे। एडीजीसी शशि शर्मा ने प्रार्थना पत्र का विरोध किया जज नीरज गौतम ने वारंट वापस करते हुए रामशंकर कठेरिया को 20 हजार रुपये का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश किया। मुचलका दाखिल करने पर उन्हें 12:35 बजे रिहा कर दिया गया। सांसद ने कोर्ट से बाहर आने पर अधिवक्ताओं की हाईकोर्ट खंडपीठ की मांग का समर्थन किया। इस दौरान सांसद के समर्थक भी मौजूद रहे। यह है मामला
26 सितंबर, 2009 को हाईकोर्ट खंडपीठ आंदोलन में सांसद रामशंकर कठेरिया ने अधिवक्ताओं के साथ राजामंडी स्टेशन पर ट्रेन रोकी थी। इस मामले में तत्कालीन स्टेशन प्रबंधक ने सांसद रामशंकर कठेरिया, पूर्व मंत्री चौधरी बाबूलाल, कांग्रेस की नेता इंदिरा वर्मा, संघर्ष समिति संयोजक केडी शर्मा, सचिव अरुण सोलंकी आदि के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा सहित अन्य में मुकदमा दर्ज कराया था। सांसद की अन्य लोगों से पत्रावली अलग करके सुनवाई की जा रही है।
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