गाजियाबाद के 30 स्कूलों पर लटकी कार्रवाई की तलवार

गाजियाबाद के 30 स्कूलों पर लटकी कार्रवाई की तलवार : आरटीई कोटे के दाखिले न करने पर 24 तक का अल्टीमेटम 


गाजियाबाद : गाजियाबाद के 30 पब्लिक स्कूलों ने नियम के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को राइट टू एजूकेशन के अंतर्गत दाखिला नहीं दिया है।जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने इन सभी स्कूलों को पहले 15 जुलाई तक दाखिले पूरे कर रिपोर्ट दाखिल करने का अल्टीमेटम दिया था, अब एक बार फिर 24 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया है। डीएम ने इन स्कूलों की बैठक बुलाकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 24 जुलाई तक आरटीई के दाखिले पूरी नहीं हुए तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने पिछले सत्र में आरटीई का पालन ने करने वाले छह‌ स्कूलों के खिलाफ मान्यता रद्द करने के आदेश जारी होने की जानकारी भी दी गई।

डीएम ने आरटीई में फेल 30 स्कूलों को फटकार लगाई

बैठक में जिलाधिकारी ने शहर के 30 स्कूलों को आरटीई के तहत दाखिला नहीं करने पर एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई है। दिल्ली पब्लिक स्कूल, मेरठ रोड में एक भी दाखिला नहीं होने पर जिलाधिकारी खासे खफा दिखे। जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि पिछले सत्र में दाखिला नहीं लेने वाले छह स्कूलों की मान्यता निरस्त करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं और इस वर्ष भी आरटीई के तहत गरीब बच्चों का दाखिला नहीं करने वाले स्कूलों पर निश्चित रूप में कार्यवाही की गाज गिरेगी। ऐसे सभी स्कूलों की मान्यता निरस्त कराई जाएगी।

डीएम ने हर स्कूल से आरटीई का स्टेटस जाना

बैठक में आरटीई के तहत दाखिले पूरे न करने पर डीपीएस वसुंधरा, उत्तम स्कूल फॉर गर्ल्स शास्त्रीनगर, केआर मंगलम स्कूल, वैशाली, शम्भू दयाल ग्लोबल पब्लिक स्कूल- दयानन्द नगर, अमेटी इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर-6 वसुन्धरा, गुरुकुल द स्कूल – डासना रोड, डीएलएफ पब्लिक स्कूल- राजेन्द्र नगर और कैम्ब्रिज स्कूल- इन्दिरापुरम आदि स्कूलों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। जिलाधिकारी ने बारी-बारी सभी स्कूलों के प्रतिनिधियों से आरटीई के दाखिलों का स्टेटस जाना और जल्द ही निर्धारित कोटा पूरा करने ह‌ेतु निदेर्शित किया।

सिस्टम से ऊपर कोई नहीं : डीएम

स्कूल प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिस्टम से ऊपर कोई नहीं है। सभी को नियम कायदों का पालन करना होगा। 24 जुलाई के बाद भी यदि किसी स्कूल में आरटीई के दाखिले पूरे नहीं हुए तो संबंधित स्कूलों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ​अभिनव गोपाल, एडीएम सिटी गम्भीर सिंह, बीएसए ओपी यादव एवं जिले के खण्ड शिक्षा अधिकारी मौजूद थे।

प्रशासन आरटीई को लेकर गंभीर नहीं : शिवानी जैन

ऑल स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन (असपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवानी जैन का कहना है कि जिला प्रशासन मामले में सख्त कार्रवाई नहीं करता। हर बार तारीख पर तारीख देने का काम किया जा रहा है। पहले 15 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया था, अब उसे 24 तक बढा दिया गया। असपा के राष्ट्रीय महासचिव सचिन सोनी कहते हैं कि आरटीई के मामले में यदि प्रशासन ईमानदारी से कार्रवाई करना चाहता है तो उत्तर प्रदेश सरकार को एनओसी वापस लेने की संस्तुति करे। प्रशासन सीबीएसई को लिखकर केवल खानापूर्ति करता रहता है और स्कूल भी इस बात को समझते हैं। शासनादेश आते रहते हैं, जिले के प्रभारी मंत्री की बैठक में भी यह मुद्दा उठता लेकिन होता कुछ नहीं।

क्या है राइट टू एजुकेशन

राइट टू एजुकेशन (आरटीई) अधिनियम भारत सरकार के द्वारा एक अप्रैल, 2010 को लागू किया गया था। यह अधिनियम हर निजी स्कूल को 25 फीसदी गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए बाध्य करता है।

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