अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। आज दिनांक 09 नवम्बर को उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह एवम् बृज प्रांत अध्यक्ष डॉ० हृदेश चौधरी के निर्देशन में जिला आगरा में उत्तर प्रदेश एवं आगरा के सरकारी स्कूल की दुर्दशा को लेकर मा० राष्ट्रपति महोदया के नाम एक ज्ञापन जिलाध्यक्ष आगरा पंडित सिद्धार्थ चतुर्वेदी के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारी कलक्ट्रेट विजय कुमार को सौंपा गया।
इस अवसर पर ब्रज प्रांत अध्यक्ष डॉ० हृदेश चौधरी ने कहा कि सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर तुरंत रोक लगाई जाय और सरकारी विद्यालयों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
जिलाध्यक्ष पंडित सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को लेकर हाल ही में मीडिया में आई खबरों के अनुसार 27,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई गई है। यह प्रदेश सरकार द्वारा 2020 तक बंद किए गए 26,000 स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है। सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश न केवल सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाता है बल्कि यह सीधे तौर पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
महानगर अध्यक्ष दिलीप बंसल ने कहा की प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जानबूझकर सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता देने और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्र की संख्या कम हो सके और उन्हें बंद करने का रास्ता तैयार हो। यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है, जिसके अंतर्गत सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों की अनुमति दी जा रही है, जबकि नियमानुसार 1 किलोमीटर की परिधि में ऐसे विद्यालयों को मान्यता नहीं दी जा सकती।
ज्ञापन अंदर जाकर ना दिए जाने पर पुलिस से हल्की झड़प भी हुए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजय सिंह, शैलेन्द्र गायत्री ,कृष्ण गोपाल, अब्दुल मुकीत कुरैशी, अरुण प्रताप सिंह, सतीश भारती,मोहित अग्रवाल, पंकज चावला, इंद्र कुमार वर्मा, सुनील तिमोरी, राजेन्द्र वरुण, कलुआ राम, ललित साहनी, सफीक मोहम्मद, आसिफ नबाब, शानू कुरैशी, अनिल सिंह, सलमान अब्बास, सपना गुप्ता आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।