अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। जब राहगीरों ने सड़क पर विशाल अजगर को देखा, तो उनमें घबराहट फैल गई। इस कठिन परिस्थिति में वीरेन्द्र कुमार मित्तल ने न केवल धैर्य और साहस का परिचय दिया, बल्कि पर्यावरण और जीवों के प्रति अपनी गहरी संवेदनशीलता भी दिखाते हुए उन्होंने बिना किसी भय के अजगर को सावधानीपूर्वक उठाया और प्लास्टिक के कट्टे में बाँधकर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया ताकि वो सुरक्षित रहे।
प्रदेश मंत्री ने इस अवसर पर कहा की, “हमारा कर्तव्य है कि हम प्रकृति और इसके सभी जीवों की रक्षा करें। यदि किसी को भी कोई बेजुबान जीव परेशानी में दिखे, तो तुरंत स्थानीय रेस्क्यू टीम से संपर्क करें। यदि रेस्क्यू टीम उपलब्ध न हो, तो वीरेन्द्र कुमार मित्तल से संपर्क कर सकते हैं।”
यह घटना हमें सिखाती है कि मानवता केवल इंसानों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें जीव-जंतुओं के प्रति भी दयालुता और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
यदि आपको कहीं पर कोई सांप, पक्षी, या अन्य बेजुबान जीव संकट में दिखे, तो उसे नुकसान न पहुँचाएँ। उसकी सुरक्षा के लिए तुरंत रेस्क्यू टीम से संपर्क करें।
वीरेंद्र कुमार मित्तल का यह प्रयास पर्यावरण प्रेमियों और समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है। हमें भी चाहिए कि बेजुबान प्राणियों की रक्षा करें और उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में पहुँचाएँ। अजगर एक संरक्षित प्राणी है उसकी रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है यह एक सरीसृप है।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।