अंतरिक्ष से लौटकर भी धरती पर कदम रखना सुनीता विलियम्स के लिए होगा मुश्किल, नहीं जा पाएंगी घर

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इस समय अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. सुनीता विलियम्स महज 8 दिनों के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजी गईं थी, लेकिन वो 9 महीने से अधिक समय से वहां पर फंसी हुई हैं.
इसी के बाद अब वो तारीख नजदीक आ गई है जब सुनीता विलियम्स धरती पर फिर से कदम रखेंगी, लेकिन धरती पर कदम रखना क्या उनके लिए आसान होगा?

सुनीता साल 2024 में जून के महीने में स्पेस में गई थीं. वो आखिरकार 12 मार्च 2025 को धरती पर लौटने वाली हैं. इतने लंबे समय तक स्पेस में रहना आसान बात नहीं है, साथ ही स्पेस में रहना और जमीन में रहने में फर्क होता है. सुनीता न वहां पर चल सकती हैं, न लेट कर आराम कर सकती हैं. इन सभी चीजों से उनके शरीर में काफी बदलाव आए हैं. इसी के चलते अंतरिक्ष से लौटने के बाद भी सुनीता के लिए धरती पर कदम रखना मुश्किल होगा.

कब जा पाएंगी घर?

नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी “बुच” विलमोर थ्रस्टर की खराबी के कारण 9 महीने तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में फंसे रहने के बाद आखिरकार घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उनकी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है. अंतरिक्ष में इतने लंबे समय के बाद पृथ्वी की ग्रेविटी उनके लिए एक अलग ही दुनिया बन कर सामने आएगी. वहां एक लंबा समय गुजारने के बाद यहां लौटने पर दुनिया उनको अलग लगेगी और एक दम से सामान्य जिंदगी जीना उन के लिए मुश्किल होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता और विलमोर 19 या 20 मार्च को धरती पर वापस लौटेंगे, लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि वो वापस आने के फौरन बाद अपने घर जाएंगे तो ऐसा नहीं है. वो वापस आने के फौरन बाद अपने घर नहीं जा सकेंगे. वो घर जाने के बजाय, लंबे समय तक वजन घटने के नुकसान का आकलन करने के लिए उन्हें इलाज के लिए ले जाया जाएगा, फिटनेस को लेकर उनके कई टेस्ट कि जाएंगे. इन टेस्ट से गुजरने के बाद ही वो अपने घर जा सकेंगे.

“मैं चलना तक भूल गई हूं”

सुनीता ने हाल ही में कहा कि मैं अंतरिक्ष में काफी लंबे समय से हूं और अब मैं याद करने की कोशिश कर रही हूं कि चलते कैसे हैं, मैं कब से चली नहीं हूं, मैं कब से बैठी नहीं हूं, मैं कब से लेटी नहीं हूं.

सुनीता विलियम्स के इस बयान से ही पता लगा है कि अंतरिक्ष में अब तक 9 महीने गुजारना उन के लिए कैसा रहा है और कितना मुश्किल रहा है. वो चलना तक भूल गई हैं. यह ही वजह है कि पहले उनका इलाज किया जाएगा, कई तरह के टेस्ट किए जाएंगे इसी के बाद उनको उनके घर भेजा जाएगा. डॉक्टर्स का कहना है कि अंतरिक्षयात्रियों को एक बार फिर से अपनी ताकत हासिल करने में कम से कम 6 हफ्ते का समय लगेगा यानी वो अंतरिक्ष से वापस आने के बाद भी पूरे 42 दिन तक अपने घर नहीं जा सकेंगे. डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें यह समय इसीलिए लगेगा क्योंकि उनकी मांसपेशियों और हड्डियां माइक्रो ग्रेविटी की वजह से कमजोर हो गई है.
कैंसर का खतरा

दोनों अंतरिक्षयात्री के सामने मांसपेशियों में नुकसान के अलावा, एक और अधिक खतरनाक चिंता सामने खड़ी है वो है, विकिरण जोखिम (Radiation Exposure). पृथ्वी के सुरक्षात्मक माहौल के बिना, अंतरिक्ष यात्रियों को तीव्र ब्रह्मांडीय विकिरण का सामना करना पड़ता है जो उनके शरीर में गहराई तक घुस सकता है, जिससे कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

अंतरिक्षयात्रियों को फिर से स्वस्थ होने के लिए सबसे पहले दोबारा चलना सीखना होगा- अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की ग्रेविटी के तहत खड़े होने और चलने के लिए अपने शरीर को फिर से ट्रेन करना होगा.
मांसपेशियों और हार्ट को मजबूत बनाना – ग्रेविटी के बिना, हार्ट को उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती है, जिससे कार्डियोवैस्कुलर डीकंडीशनिंग हो जाती है.
पूरे शरीर की रिकवरी- संतुलन, सहनशक्ति और सामान्य शारीरिक कार्यों को दोबारा हासिल करना. यह सब चीजें करने के बाद ही सुनीता और विलमोर एक बार फिर से सामान्य जिंदगी जी सकेंगे.

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