राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल प्रबंध समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिखरे ‘होली के रंग, कविता के संग’

अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल प्रबंध समिति द्वारा रविवार को अमर विहार, दयालबाग स्थित राधाबल्लभ पब्लिक स्कूल में कविता के संग, होली के रंग खूब बिखरे।

समारोह-अध्यक्ष सेवानिवृत्त पुलिस उप महानिरीक्षक वीके अग्रवाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वरिष्ठ गीतकार डॉ. केशव शर्मा की सरस्वती वंदना ने सबको भाव विभोर कर दिया।
मुख्य अतिथि, जाने माने व्यंग्यकार मंजुल मयंक (फिरोजाबाद) और वरिष्ठ कवि रमेश पंडित के व्यंग्य भी सीधे दिल में उतर गए।
सुमधुर गीतकार डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने होली का रंग कुछ इस तरह घोला कि सब वाह वाह कर उठे- ” तुम्हारे भाल का चन्दन हमारे माथ की रोली। अगर मिल जायें आपस में तो समझो हो गई होली..”


सुमधुर गीतकार डॉ. केशव शर्मा के इस ब्रजभाषा गीत में सब मगन हो गए- ” फागुन के रंगन में, देखि तोरे अंगन में।जोबन की कैसी है, बहार देखि गुरिया..”
नूतन अग्रवाल ‘ज्योति’ ने ब्रजभाषा के इस रंग को और भी चटख कर दिया- ” नैनन में रंग भर के लायो, रँगबे की मोय ठानी। रंग दई मोरी कोरी चुँदरिया, करी लाज ते पानी..”
रीता शर्मा ने रंग बदलती दुनिया पर तंज कसा- ” ये रंगों की दुनिया है साहब! रंग पल-पल, हर पल रंग बदलता है..”
पूजा प्रियल ने माँ के प्रति अपने भाव सुमन अर्पित किए- “माँ तुम्हारे बाद मुझको कुछ नहीं भाया। बाद तेरे फिर कोई त्यौहार न आया..”


भोलू भूषण रागी, हरीश अग्रवाल ‘ढपोरशंख’, डॉ. अनार सिंह ‘अग्र’, डॉ. सुनीता चौहान, डॉ. मनिंदर कौर, अंजू दयालानी, संगीता अग्रवाल, डॉ. रेखा गौतम, मोनिका अग्रवाल और वीना श्रीवास्तव की काव्य- रचनाओं ने भी सबको भाव विभोर कर दिया।


कार्यक्रम का संयोजन व संचालन कुमार ललित ने किया। कोषाध्यक्ष श्री कृष्ण स्वरूप दुबे और प्रधानाचार्य पंकज शर्मा ने सभी का स्वागत किया। सह संयोजक मोनिका अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

अन्य खबरों हेतु संपर्क करें संवादाता अर्जुन रौतेला 8868868461

Follow us on →     
IMG-20241223-WA0034

Updated Video
 
IMG-20241223-WA0034
gc goyal rajan
  • अर्जुन रौतेला आगरा

    रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद। सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।। मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना "दर्द अथवा कठिन कर्म" करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।

    Related Posts

    भारत रत्न बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134 वी जन्म जयंती पर सूरत शहर कांग्रेस कमेटी

    सूरत शहर कांग्रेस द्वारा भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित सूरत, 14 अप्रैल – भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं…

    सी ए आई टी ने भारत सरकार से अंतरिम एक्सपोर्ट संरक्षण योजना बनाने की मांग श्री चंपालाल बोधरा राष्ट्रीय अध्यक्ष

    सूरत- बने भारत का ग्लोबल सिंथेटिक्स गारमेंट हब :- CAIT ने सरकार से अंतरिम एक्सपोर्ट सरंक्षण योजना बनाने की माँग की :- चम्पालाल बोथरा ———————————- कन्फ़ेड्रेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स…

    Leave a Reply