संवाददाता अर्जुन रौतेला। विद्यालय को सभ्य समाज का दर्पण कहा जाता है, लेकिन जब दर्पण ही सही को सही नहीं दिखाएगा तो क्या होगा इस समाज का? बड़ा सवाल आखिर क्यों बक्शा जा रहा है ऐसे अय्याश, शराबी एवं दबंग शिक्षक को?
स्कूल को शिक्षा का मंदिर माना जाता है इसी मंदिर से शिक्षा लेकर बच्चे बड़े अधिकारी बनते हैं बच्चों को शिक्षा देने वाला अध्यापक गुरु माना जाता है लेकिन शिक्षा के मंदिर को बदनाम करने वाला अध्यापक शराब के नशे में अश्लील मैसेज एवं स्टाफ के साथ घिनौनी हरकत करता हो तो फिर क्या कहा जाएगा शिक्षा के मंदिर को बदनाम करने वाले अध्यापक के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ऐसे अध्यापक समाज के लिए गटक बन जाते हैं चांदी के जूते के दम पर हर मामले को रफादफा करा दिया जाता है जब अपराध को छुपाने की कोशिश की जाती है तो अपराधी के हौसले बुलंद हो जाते हैं ऐसा ही मामला एत्मादपुर के कंपोजिंट स्कूल का सामने आया है स्कूल में तैनात अध्यापक के द्वारा स्कूल में तैनात चपरासी की बेटी के मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजे गए लड़की के भाई के द्वारा थाना बरहन पर लिखित शिकायत दी गई दूसरे दिन शिकायत काश भाई के द्वारा वापस कर ली गई कहा गया कि अब कार्रवाई नहीं करनी है मामला मीडिया तक पहुंचाने के बाद आगरा बीएसए द्वारा सात सदस्य टीम गठित की गई सोमवार को टीम जांच करने के लिए एत्मादपुर स्कूल में पहुंची अध्यापक से जानकारी की गई तो अध्यापक ने टीम के सामने रोते हुए बताया कि शराब के नशे में मेरे द्वारा मैसेज भेजे गए थे कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम हेतु बीएसए ने सात सदस्यीय समिति गठन किया है। जिसकी चार सदस्यीय टीम ने कम्पोजिट विद्यालय एत्मादपुर का निरीक्षण किया। आरोपी शिक्षक, शिक्षिकाएं, एवं पीड़ित परिवार के बयान लिए। थाना पुलिस से भी कार्यवाही का जाना। समिति अपनी रिपोर्ट बीएसए को सौंपेगी।
जॉच कमेटी में सपना सिंह, कल्पना कुमारी, महेश कान्त शर्मा, नरेश पारस (आरटीआई एक्टिविस्ट) आदि शामिल हैं।
शिक्षक का बयान
मैंने शराब के नशे में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी की पुत्री को मैसेज भेज दिए थी, गलती हो गई, परिवार से माफी मांग ली है, अब गलती नहीं करूंगा। मेरे खिलाफ साजिश की जाती है इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर लेकर आता हूं।
पीड़िता के परिजनों ने कहा कि शिक्षक ने अश्लील मैसेज भेजे थे। थाना बरहन में कानूनी कार्यवाही के लिए प्रार्थना पत्र दिया। शिक्षक ने पैर छूकर माफी मांग ली है। लोगों के समझाने पर शिकायत बापस ले ली है।
वहीं थानाध्यक्ष बरहन से जब जांच कमेटी ने बात की तो उन्होंने बताया कि शिकायत पर महिला दरोगा से जांच कराई थी। आरोपों की पुष्टि हुई लेकिन पीड़िता के परिवार ने शिकायत वापिस ले ली इसलिए आगे कार्यवाही नहीं की गई।
जब शिक्षिकाओं को जानकारी हुई कि बीएसए के निर्देश पर महिला शिक्षिकाओं के हित में कमेटी का गठन किया गया है तो उनके सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने समिति को लिखित शिकायत देते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक रिवाल्वर लेकर स्कूल आते हैं। असमाजिक तत्वों के साथ मिलकर स्कूल परिसर में शराब पीते हैं। शिक्षिकाओं पर अश्लील टिप्पणी करते हैं। बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाते हैं। कम्पोजित विद्यालय होने के कारण उपस्थिति व नामांकन में गिरावट आई है। महिला शिक्षिकों की गरिमा को बदनाम करने करने के लिए पुरूष शिक्षकों के साथ नाम जोड़कर अश्लील शब्द लिखकर स्कूल की दीवार पर पोस्टर चिपकाए गए। बच्चों को गंदी बातें सिखाते हैं। कोई भी शिक्षिका इनके विरूद्ध बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है। सभी भयभीत हैं।
विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष उर्मिला देवी ने कहा कि आरोपी शिक्षक हमेशा छात्राओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। अपने मोबाईल में बच्चों को गंदे वीडियो दिखाते हैं तथा गाने सुनवाते हैं। बच्चों ने डांस कराते हैं। रसोईया को गाली देते हैं।
एडवांस में हस्ताक्षर
शिक्षिका सुधा रानी, सुमन लवानियां एवं अनुदेशक संतोष कुमार के हस्ताक्षर 21 अप्रैल के स्थान पर 22 अप्रैल तिथि के सामने अंकित मिले। पूछने पर बताया कि गलती हो गई। तीन शिक्षिकाएं छुट्टी पर मिलीं।
जांच कमेटी को अध्यापक के खिलाफ सबूत मिले हैं कमेटी के द्वारा अधिकारियों को जांच भेजी जाएगी अब देखना होगा कि अध्यापक के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी क्या कार्रवाई करेंगें?
या फिर ऐसे ही मामले को ले देकर रफा -दफा कर देंगें।
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