*राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने टूटा की शिकायत पर एचबीटीयू से 15 दिनों के भीतर मांगा जवाब*
टेक्निकल यूनिवर्सिटीज़ टीचर्स एसोसिएशन ‘टूटा’ ने हार्टकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने २०२१ की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के विरुद्ध , महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर प्रक्रिया में दखल देने की अपील की है। टूटा के सचिव गौरव शर्मा ने बताया कि उक्त विश्वविधालय ने जानबूझकर विज्ञापन में बदलाव करके एआईसीटीई के द्वारा तय किए शिक्षक भर्ती के मापदंडों को बदल दिया गया है जिससे बेहतरीन शैक्षिक पृष्ठभूमि और अनुसंधान में करने वालों को साक्षात्कार में गलत तरीके से पीछे किया जा सके और अपने लोगों को भर्ती प्रक्रिया में लाभ पहुंचाया जा सके ।
एआईसीटीई के नियमों के अनुसार अंतिम भर्ती प्रक्रिया में एपीआई और बुनियादी शैक्षणिक स्कोर अहम मापदंड रहेंगे किंतु उक्त विश्वविद्यालय ने दोनो ही मापदंडों को अंतिम चयन में से हटा दिया है और साक्षात्कार को महत्व दिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एआईसीटीई द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के के लिए 5 प्रतिशत रिलैक्सेशन को भी नजर अंदाज किया जा रहा है जिसके लिए एआईसीटीई ने ईमेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के तकनीकी विश्वविद्यालयों से जानकारी भी मांगी है l
टूटा के सचिव गौरव शर्मा ने बताया कि संगठन इस तरह के घपलों के विरुद्ध लड़ता रहा है और लड़ता रहेगा और मुख्यमंत्री जी से आशा रखता है कि उनके कार्यालय द्वारा जांच करवाई जायेगी।
अवगत कराना है कि विगत अगस्त 2021 मे एच बी टी यू कानपुर द्वारा विश्विद्यालय में रिक्त शिक्षकों के पदों का विस्तृत विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए गए थे । जिसमे नियुक्ति प्रक्रिया को संकलित रूप से शैक्षिक योग्यता, शोध कार्यों तथा साक्षात्कार के कुल अंकों के आधार पर किया जाना निर्धारित करते हुए सर्व साधारण को सूचनार्थ निर्गत भी किया गया था। आश्चर्य जनक रूप से कुछ समय बाद संदर्भित विश्वविद्यालय द्वारा इसी विज्ञापन के सापेक्ष एक शुधिपत्र जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया के आधार को परिवर्तित कर शैक्षणिक योग्यता और शोध आदि कार्यों को मात्र अर्हकारी मानते हुए केवल इंटरव्यू के अंकों के आधार पर अंतिम चयन किया जाना तय किए जाने की सूचना दी गई। इससे प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों मे घोर निराशा पैदा हो गई है। मात्र चयन साक्षात्कार यानी इंटरव्यू के अंकों के आधार शिक्षकों के असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा प्रोफेसर के पदों पर की जाने वाली नियुक्तियों में होने वाली मनमानी को नकारा नहीं जा सकता है और विश्वविद्यालय द्वारा ऐसा किया जाना संपूर्ण शिक्षक चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।
ज्ञात हो कि टूटा तकनीकी शिक्षा
की अच्छी गुणवत्ता, शिक्षकों के अधिकार, छात्रों के अधिकार एवं शिक्षण संस्थान को सुचारू रूप से चलाने के लिए संगठन हर तरीके से संघर्ष जारी रखेगा l
संगठन 5 लाख से अधिक शिक्षकों के साथ-साथ 12 लाख से अधिक छात्र एवं अभिभावकों के लिए लड़ रहा है जो इस तरह के संस्थानों में पूरे भारत में पढ़ाई कर रहे हैं l
सादर
गौरव शर्मा
+917830432777
*रिपोर्ट;-दीपक सागर*
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