संवादाता अर्जुन रौतेला। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के हादसे को लेकर अब उत्तर प्रदेश के बांदा से एक ठोस और संवेदनशील आवाज उठी है। जनता दल (यूनाइटेड) की उत्तर प्रदेश प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इस हृदयविदारक विमान दुर्घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराए जाने की मांग की है।

241 लोगों की दर्दनाक मौत और एकमात्र जीवित यात्री के साथ यह हादसा तकनीकी विफलता से कहीं आगे प्रतीत होता है — यह कहना है शालिनी सिंह पटेल का, जिन्होंने अपने पत्र में इसे “केवल एक यांत्रिक दुर्घटना नहीं, बल्कि संभावित गहरी साजिश, संस्थागत लापरवाही या सुनियोजित चूक का मामला” करार दिया है।

उन्होंने लिखा है कि “घटना की जांच केवल DGCA या NDRF स्तर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। देशहित और जनहित में यह आवश्यक है कि इसकी निष्पक्ष, वैज्ञानिक और संवैधानिक जांच CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके और यदि कोई दोषी है तो उसे कानून के दायरे में लाया जा सके।”
शालिनी सिंह पटेल ने महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे इस संबंध में संबद्ध मंत्रालयों को निर्देशित करें ताकि देश की जनता को भरोसा हो कि शासन-प्रशासन किसी भी त्रासदी में पारदर्शिता और जवाबदेही निभाता है।
पत्र को बांदा से रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से राष्ट्रपति भवन भेजा गया है, और इस पहल को राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया हलकों में गंभीरता से लिया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर लगातार सवाल उठते हों, तब जनप्रतिनिधियों की ओर से इस तरह का संवैधानिक हस्तक्षेप लोकतंत्र की ज़रूरत बन जाता है।

शालिनी सिंह पटेल का यह पत्र अब उन सभी सवालों को स्वर दे रहा है जो इस हादसे के बाद देशभर के नागरिकों के मन में उठ रहे हैं — क्या यह केवल एक दुर्घटना थी, या कोई छुपा हुआ सच अब भी मलबे में दबा है?
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