
शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है इस दिन बहनें भाई को अपने घर आमंत्रित करती हैं कई बहनें भाई के घर जाकर उन्हें तिलक करती हैं और साथ में भोजन भी करती हैं , पौराणिक कथा के अनुसार भैया दूज के दिन भगवान यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं उन्हीं का अनुकरण करते हुए यह परम्परा है कि भाई अपनी बहनों से मिलते हैं और उनका यथेष्ट सम्मान – पूजना करते हैं , यम अपनी बहन से आशीर्वाद के रूप में तिलक लगवाए थे ,, इसीलिए आज भी यह परम्परा आशीर्वाद रूप तिलक प्राप्त कर कृत् कृत्य होते हैं ।
यह भी जानिए —– सूर्य देव और संज्ञा के दो संतानें थीं – पुत्र यमराज पुत्री यमुना ,, एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज अपनी बहन यमुना के यहां पहुँचे इनके पास व्यस्तता तथा दायित्व बोझ के कारण बहन के बुलाने पर भी यम नही पहुँच पाते थे इस दिन अचानक बहन के यहां पहुँच गये ,बहन ने व्यंजन बनाकर सेवा सत्कार करते हुए उनके भाल पर तिलक लगाया ,, यम बहन के अथाह प्रेम से भाव विभोर हो गये और बहन से कहा कि तुम्हें क्या चाहिए मांगने का अनुरोध किया तो बहन ने अपने भाई यम से माँगा क़ि आज के ही दिन प्रतिवर्ष मेरे यहा आया करें ,तभी से यह यम द्वितीया भैया दूज पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । मनोज पति त्रिपाठी ब्यूरो चीफ TN न्यूज़ 24 बहराइच , 80814 66787 ,, आवाज जुर्म के खिलाफ ।





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