
आजमगढ़ 5 फरवरी 23
आजमगढ़ में बनेगी फिल्मसिटी,परंतु पुरानी जेल की जमीन पर होगा विरोध,वहां बनना चाहिए व्यवसायिक कांप्लेक्स ।
यूं तो आजमगढ़ में फिल्म सिटी के लिए मेरा विरोध एकदम नही है परंतु पुरानी जेल वाली कीमती जमीन पर फिल्मसिटी की निर्माण की बात मेरे गले नही उतर रहा है।उक्त बाते भारतीय जनता पार्टी आजमगढ़ के व्यापार प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक आदित्य नारायण वर्मा ने कही उन्होंने कहा कि जनपद में हजारों बेरोजगार नौजवान अन्य प्रांत में जाकर दिहाड़ी की मजदूरी करते है या ठेला लगाकर फल सब्जी या फुल्की चाट या फिर गुमटी में कोई अन्य व्यवसाय करते है ।जिससे उनके परिवार का जीविकोपार्जन होता है, अब उनके सामने बड़ी समस्या हमेशा बनी रहती है कि कभी प्रशासन उन्हें चैन से एक जगह व्यवसाय नही करने देता, कभी अतिक्रमण का डंडा,कभी रोड जाम पर डंडा,कभी किसी बिगड़ैल बाप के बेटे का अनियंत्रित कार का डंडा, कभी पुलिस का अवैध रूप से धन उगाही का डंडा आदि समस्याओं से उनका सामना रोज पड़ता है, ऐसी स्थिति में वह काफी मजबूर स्थिति में अल्पायु में ही भीषण रोग का शिकार हो जाता है और फिर इस दुनिया को अलविदा…..कर जाता है।
मैने बेरोजगारी को बहुत ही करीब से देखा है कैसे दो जून की रोटी बाप अपने बच्चो को खिलाता है, खैर भाव में कुछ ज्यादा ही लिख दिया, अब मूल बिंदु पर वापस आता हूं,कल सोशल प्लेटफार्म में जानकारी हुई की माननीय सांसद महोदय के अनवरत प्रयास से आजमगढ़ के पुरानी जेल वाली जमीन पर फिल्मसिटी का निर्माण होने वाला है,अब मुझे फिल्मसिटी से तनिक भर भी नाराजगी नही है उससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे,जनपद की प्रतिभा निखरेंगी,जनपद का मान,गौरव बढ़ेगा परंतु यह फिल्मसिटी का निर्माण जनपद मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर भी बन सकता है और बहुत सी सरकारी भूमि भी पड़ी है।अब आपको बता दूं कि इस जेल वाली जमीन जो करीब 5 या 6 बीघा होगी मुझे इजेक्ट जानकारी नहीं है परंतु इतनी सी जमीन में कभी पार्क बनाने की बात होती है तो कभी स्टेडियम तो कभी कुछ औरअगर यह सब बने शहर के बाहर तो शहर का भी विकास होगा परंतु शॉपिंग कांप्लेक्स क्यों नहीं पुराना मार्केट मौजूदा में अब शहर के अंदर हो गया है वहां का व्यवसाय तो अनवरत चलता रहेगा।प्राइवेट मॉल तो बहुत है जहां ब्रांडेड के नाम पर लूट मची हुई है,अगर अपना शापिंग कांप्लेक्स हो(सबका साथ सबका विकास) और उसके साथ साथ बीच में फौवारा और जेल के अंदर सुना है कि एक मंदिर भी है उसका भी पुनर्निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
ऐसे में फिल्मसिटी को कही और बनाने का प्रस्ताव दिया जाय और यहां व्यवसायिक कांप्लेक्स बनाने की बात की जाय।और सैकड़ों परिवार को दुकान आवंटन किया जा सकता है जिससे कि इनकी रोजी रोटी चलती रहे जैसे बेघर लोगों को सरकार काशीराम आवास मुहैया कराती हैं उसी तरह से व्यवसायिक दुकान आवंटन कराया जाए और नीचे बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था किया जाए जैसे कि नए कलेक्ट्रेट बिल्डिंग में किया गया है जिससे जाम की समस्या भी समाप्त हो जाएगा और बेरोजगार नौजवानों को अपना दुकान भी मिल जाएगा दुकान आवंटन की प्रक्रिया जिलाधिकारी महोदय अपने विवेक से जैसे चाहे उस तरह से राजनीतिक,सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर पात्र लोगों को देने की रणनीति बनाएं।
शहर में होने की वजह से इस तरह के व्यवसाई कांप्लेक्स से आपसी भाईचारा के साथ-साथ जो बेरोजगार नौजवान जिला छोड़कर दूसरे जिले या प्रदेश में जीविकोपार्जन के लिए जाते हैं उनका पलायन कुछ हद तक कुछ लोगों को रोका जा सकता है और फिल्म सिटी का निर्माण भी हो जाएगा ऐसे में मैं अति शीघ्र इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी महोदय से भी मिलने का प्रयास करूंगा और अपनी बात रखूंगा।
मैं जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि इस बाबत आप लोग भी माननीय जिलाधिकारी या यथासंभव शासन प्रशासन में अपनी बात रख कर अगर यह उचित है तो इस पर काम करें।
ब्यूरो प्रमुख
आजमगढ़।





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