मुगलकालीन चित्रकला भारतीय विरासत और संस्कृति
फतेहपुर सीकरी/ भारत में मुगल चित्रकला 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच की अवधि का काल है। यह वह समय था जब मुगलों ने भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया था। मुगल चित्रकला का विकास सम्राट अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ के शासनकाल में हुआ। मुगल चित्रकला का रूप फारसी और भारतीय शैली का मिश्रण के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं का संयोजन भी है।
बादशाह जहाँगीर चित्रकला का बड़ा कुशल पारखी था। जहाँगीर के समय को ‘चित्रकला का स्वर्ण काल’ कहा जाता है।
फतेहपुर सीकरी यूं तो किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है यहां पर स्थित है मुगल शासक अकबर के गुरु महान सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, यहां पर प्रतिदिन हजारों की तादाद में सैलानी, जायरीन पर्यटक के रूप में आते हैं और अकबर की गुरु की दरगाह के साथ-साथ यहां बनी स्मारकों का भ्रमण करते हैं अकबर के गुरु हजरत शेख सलीम चिश्ती की मजार में जो पेंटिंग्स बनी है, वह बहुत ही खूबसूरत थी लेकिन रखरखाव के अभाव में आज वह बहुत ही जर्जर हालत में है।
*बादशाह जहांगीर के कार्यकाल में बनी थी पेंटिंग*
स्थानीय गाइड द्वारा बताया गया कि अकबर द्वारा गुरु हज़रत शैख़ सलीम चिश्ती की दरगाह को लाल पत्थर से बनवाया गया था परंतु जहांगीर के समय में दरगाह के ऊपर संगमरमर का कार्य कराया गया और जहांगीर के समय में ही यहां पर खूबसूरत पेंटिंग बनवाई गई लेकिन आज रखरखाव के अभाव में पेंटिंग व दीबार के पत्थर झड़ने लगे हैं
*कई दशक से नहीं हुआ पेंटिंग संरक्षण कार्य*
मजार के सेवक मोहम्मद चांद ने बताया कि कई बार इसके बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को सूचित किया गया है जब-जब पेंटिंग या पत्थर गिरते हैं तो अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया जाता है परंतु इस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया जाता है धीरे-धीरे करके यह धरोहर नष्ट होती जा रही है यही हाल रहा तो 1 दिन यह सारी पेंटिंग एक एक करके इसी तरह खत्म हो जाएगी
अब्दुल कदीर
फतेहपुर सीकरी 9411411011
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