एक नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए निलंबित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी व बेटी की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।
जमानत देने से इन्कार करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि इस स्तर पर जमानत नहीं दी जा सकती है और याचिका खारिज की जाती है। अदालत ने मामले की सुनवाई बंद कमरे की।
निचली अदालत के फैसले को खाखा की बेटी ने दी HC में चुनौती
निचली अदालत द्वारा 22 सितंबर को अग्रिम जमानत देने से इन्कार करने के निर्णय को खाखा की 19 वर्षीय बेटी व बेटे ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
आरोपित अधिकारी प्रेमोदय व पत्नी पहले से जेल में हैं बंद
अभियोजन पक्ष के अनुसार खाखा की बेटी व बेटे पर यौन उत्पीड़न के अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है। निलंबित अधिकारी खाखा पर लड़की के साथ कई बार दुष्कर्म कर उसे गर्भवती किया। पीड़िता ने एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था।
इसके बाद आरोपित दंपती को गिरफ्तार किया गया था। खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया और वह जेल में है। खाखा की पत्नी पर गर्भपात कराने के लिए लड़की को दवा देने का आरोप है। वह भी जेल में बंद है।
पुलिस के अनुसार खाखा ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच नाबालिग से कई बार दुष्कर्म किया था। पुलिस ने मामले में पॉक्सो, दुष्कर्म, आपराधिक साजिश रचने, धमकी देने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
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