शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर उठे सवाल।
स्कूल में चौकीदार पद पर तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का किया जा रहा उत्पीड़न।
सन 1998 में नियुक्ति पत्र के साथ की गई थी नियुक्ति।
नियुक्ति के साथ-साथ विद्यालय प्रांगण में ही परिवार के साथ रहने को मिला था कमरा।
नियुक्ति होने के पश्चात नहीं दिया गया था वेतन।
इस संदर्भ में जिला विद्यालय निरीक्षक से लेकर उच्च अधिकारियों को दिया गया था प्रार्थना पत्र।
वेतन दिलवाने का दिया जा रहा था लगातार आश्वासन लेकिन 25 वर्ष तक नहीं दिया गया वेतन।
सन 2016 में लेबर कोर्ट न्यायाधीश द्वारा रुका वेतन 12% ब्याज के साथ अदा करने के दिए थे आदेश।
न्यायालय के आदेश को अनदेखा कर नहीं दिया गया वेतन।
25 वर्षों का बिना वेतन दिए अशोक कुमार शर्मा को जबरन निकाला जा रहा स्कूल से बाहर।
न निकलने पर कमरे का लाइट पानी किया बंद शौचालय को भी किया खंडित।
स्कूल के मुख्य द्वार पर प्रधानाचार्य द्वारा डाला गया ताला पूरे परिवार को किया अंदर बंद।
शिक्षा प्रदान स्थल को किया अपमानित।
पीड़ित परिवार लगा रहा न्याय की गुहार।





Updated Video