
राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर हुए हादसे में ऑटो सवार छह लोगों की मौत के बाद यातायात व्यवस्था में सुधार के नाम पर पुलिस ने सिर्फ खानापूर्ति ही की है। दो दिन के अभियान के बाद बुधवार को ट्रैफिक पुराने ढर्रे पर लौटता नजर आया।
चौराहे-तिराहे पर ऑटो और बसों के ठहराव से जाम लगता रहा। अतिक्रमण नहीं हट सका। ऑटो चालक पुलिस के हटते ही चौराहे से लोगों को बैठाते हुए नजर आए। सिकंदरा और गुरुद्वारा कट ही नहीं, शहर के अंदरूनी रास्तों पर वाहनों की लाइन रही।
दृश्य – 1 : वाटरवर्क्स, दोपहर 12:30 बजे
रामबाग चौराहे से 50 मीटर आगे जवाहर पुल से निकलकर पुलिस ने ऑटो के स्टैंड के रूप में जगह चिह्नित की। यहां सफेद पट्टी भी कर दी गई। मगर, इससे समस्या का समाधान नहीं हुआ। बसों के रुकने पर ऑटो चालक सवारियों को रोक रहे थे। लोगों के हाईवे पर खड़े होने की वजह से पीछे से आते भारी वाहनों के चपेट में आने का खतरा बना हुआ था।
दृश्य – 2 : भगवान टाकीज, दोपहर 1:00 बजे
सर्विस रोड पर दिल्ली की ओर जाने वाली निजी और सरकारी बसों के ठहराव से जाम लग रहा था। पुल के नीचे खड़ीं निजी गाड़ियां सवारियोंं को भरने के लिए एक-एक करके आ रही थीं। पुलिस ने थाना न्यू आगरा के सामने से सीज वाहनों को हटवा दिया। मगर, दयालबाग की तरफ जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण से दोपहर के समय वाहन फंस रहे थे।
दृश्य – 3 : गुरुद्वारा गुरु का ताल, दोपहर 1:30 बजे
सर्विस रोड पर दोनों तरफ से वाहन चल रहे थे। इससे वाहनों से हादसे का खतरा बना हुआ था। ट्रैफिक लाइट चार दिन बाद भी नहीं लग सकीं। पुलिस कर्मी यातायात व्यवस्था संभाल रहे थे, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हो रहा था। सर्विस रोड और हाईवे पर वाहनों की लाइन लगी रही। गलत दिशा से वाहन निकल रहे थे।
विभागों के साथ समन्वय कर होगी बैठक
पुलिस आयुक्त डाॅ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए मंडलायुक्त के साथ संयुक्त बैठक की जाएगी। इसमें संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को भी बुलाया जाएगा। इसमें बेहतर ट्रैफिक संचालन को किए जाने वाले प्रयास के बारे में सुझाव लिए जाएंगे। कहां अवैध पार्किंग की समस्या है? कहां रोड इंजीनियरिंग में बदलाव किया जाना है? वाहनों का स्टॉपेज कहां होना चाहिए? रोड साइनेज, मार्किंग, डिवाइडर बनाने, रिफलेक्टर लगाने पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।





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