आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला। कलयुग के श्रीकृष्ण अवतार श्री खाटू नरेश श्याम बाबा की सर्वप्रथम भगवत कथा को दिव्यता और भव्यता प्रदान करने के लिए चार प्रचार रथ शहरभर में रवाना किये गये। श्री मोरवी नंदन सेवा मंडल द्वारा आयोजित होने जा रही भगवत कथा को लेकर श्याम प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह दिखा।
शुक्रवार को जीवनी मंडी स्थित श्री खाटू श्याम जी मंदिर से सर्वप्रथम श्री खाटू श्याम सप्त दिवसीय भगवत कथा के चार प्रचार रथ रवाना किये गये। श्याम प्रेमियों ने नारियल फोड़कर प्रचार रथों को रवाना किया।
आयोजन समिति के अध्यक्ष राम अग्रवाल ने बताया कि श्री श्याम फाल्गुन मेला के अवसर पर 11 मार्च से 18 मार्च तक सर्वप्रथम श्री खाटू श्याम भगवत कथा का आयोजन कोठी मीना बाजार में किया जाएगा। प्रतिदिन दिव्य कथा का वर्णन श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज(जयपुर) के मुखारविंद से होगा।
महामंत्री अमित अग्रवाल ने बताया कि सप्त दिवसीय कथा में द्वापर युग की सबसे बड़ी घटना महाभारत में घटी थी। भीम के पौत्र को क्यों और कैसे श्रीकृष्ण ने अपना नाम दिया, बर्बरिक कैसे श्री खाटू नरेश के रूप में कलयुग के देव माने गये, इन सब का वर्णन भगवत कथा में होगा।
कथा से पूर्व 5001 कलशाें को लेकर पीत परिधानों में महिलाएं निकलेंगी। इसके अलावा कथा आयोजन में प्रतिदिन भजन संध्या एवं सांस्कृतिक− संस्कारित आयोजन होंगे।
उपाध्यक्ष आलोक आर्या ने बताया कि 15 हजार से अधिक श्याम प्रेमियों के कथा श्रवण करने का अनुमान है।
आयोजन समिति द्वारा श्री खाटू श्याम जी की आरती एवं प्रसादी वितरण भी प्रचार रथ रवाना करने के बाद किया गया। प्रचार रथों के मार्ग में श्याम प्रेमियों ने पुष्प वर्षा की। चारों प्रचार रथ पूरे जिले के विभिन्न मार्गों पर श्याम प्रेमियों को भगवत कथा में आमंत्रित करने के लिए निकाले गये हैं।
इस अवसर महिला अध्यक्ष सुमन गोयल, सयोंजक मनीष अग्रसेना, सह कोषाध्यक्ष दिग्विजय पचौरी, मंत्री शिव सिंह, सह सयोंजक गिरिबल प्रताप, कार्यालय प्रभारी मनीष अग्रवाल, जीतू चौधरी, पार्षद श्रीकांत चौहान, मुकुल चौधरी, आशीष चौहान, मुन्ना लाल पंडित जी, प्रांशु गोयल, तपेश अग्रवाल, सुमन गोयल, नेहा अग्रवाल, मोहिनी अग्रवाल, कार्तिका, प्रीति, मिनी आदि उपस्थित रहे।
फाेटो, कैप्शन− जीवनी मंडी स्थित श्री खाटू श्याम जी मंदिर से श्री खाटू श्याम जी भवगत कथा के प्रचार रथों को रवाना करते श्री मोरवी नंदन सेवा मंडल के पदाधिकारी एवं श्याम प्रेमी।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।