
आगरा के ऋषि मार्ग के रहने वाले भू-वैज्ञानिक राजीव माथुर एकाकी जीवन जी रहे थे। वह 25 साल पहले कनाडा से भारत आ गए थे। पुलिस को पता चला है कि उन्होंने पत्नी को कनाडा में ही तलाक दे दिया था।
तब से पत्नी और बेटे से संपर्क नहीं किया। उन्हें अकेले में रहना पसंद था। घर आने पर किताबों से अपना नाता जोड़ लिया था। इस कारण काॅलोनी के लोगों से भी बात नहीं करते थे। अपनी डायरी लिखते थे। इस कारण लोग उन्हें लेखक भी समझने लगे थे।
काॅलोनी के लोगों ने पुलिस को बताया कि राजीव माथुर की मां शिक्षिका थीं। दयालबाग स्थित एक विद्यालय में प्रधानाचार्या थीं। वह काफी चर्चित भी थीं। उनकी 20 साल पहले मौत हो गई थी। तब से राजीव माथुर तनाव में आ गए थे। वह अक्सर दोपहर में 1:30 बजे और शाम को 7:30 बजे स्कूटर से निकलते थे। वह खाना खाने जाया करते थे। उनसे लोग नमस्ते किया करते थे।
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि परिचित को बुलाया गया था। वह पुलिस के पास आए। उन्होंने बताया कि राजीव कनाडा में रहा करते थे। 25 साल पहले घर आ गए। इसके बाद पत्नी और बेटा मिलने नहीं आया। उन्हें अपनी बहनों से मदद मिलती थी। वह जब भी घर में दिखते थे, किताबें पढ़ते हुए मिलते थे। इस कारण लोग उन्हें लेखक भी समझने लगे थे। एक ही कमरे में तख्त और स्कूटर रखा रहता था, जिसमें वो रहा करते थे। काॅलोनी के ही जसवीर सिंह ने बताया कि राजीव किताबें पढ़ते थे। इस कारण कुछ लोग उन्हें लेखक भी समझने लगे थे।
क्रूड आयल की खोज करने वाली टीम में शामिल थे
थाना शाहगंज के प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार मान के मुताबिक, काॅलोनी के लोगों ने पुलिस को यह भी बताया कि राजीव माथुर 50 साल पहले मुंबई में क्रूड ऑयल की खोज करने वाली टीम का हिस्सा थे। मुंबई के बाद विदेश चले गए थे। परिचित की मदद से पुलिस अंतिम संस्कार कराएगी।
किरायेदार से हुआ था विवाद
घर में एक किरायेदार भी रहा करता था। वह मकान पर कब्जा करना चाहता था। इस पर काॅलोनी के लोगों को जानकारी हुई थी। उन्होंने किरायेदार से घर खाली करवाया था। कोठी मुख्य मार्ग पर है। उसकी कीमत भी अधिक है। पुलिस जब घर से शव लेकर गई थी, तब भी लोग आ गए। कोठी को खरीदने के लिए परिवार के लोगों से संपर्क करने की बात करने लगे।





Updated Video