आजमगढ़ 26 जुलाई 24
बारिश न होने से जून महीने में भी कम बारिश और जुलाई महीने भी औसत से कम बारिश से करीब 50 प्रतिशत से कम किसानों ने रोपाई की।चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है किसी तरह से धान की नर्सरी डाली गई तो पानी नहीं, नर्सरी निकाल करके किसी तरह से रोपाई हुआ तो सिंचाई के लिए पानी नहीं बारिश भी हुआ तो नाम मात्र उस बारिश का किसानों के लिए कोई फायदा नहीं हुआ पंपसेट और ट्यूबल भी जबाब दे रहे ,पानी का जलस्तर नीचे चला गया है।डीजल से सिंचाई बहुत महंगी पड़ रही है किसान धान की फसल को लेकर चिंतित है।और आजमगढ़ में दूसरी तरफ देवरांचल जहां बाढ़ की विभीषिका से लोग झेल रहे हैं कभी घाघरा के नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है लोगो का आशियाना जल में समा गया, जलस्तर कभी नीचे जा रही है तो कभी खतरे के निशान से ऊपर।और दूसरी तरफ किसान धान की फसल को लेकर काफी चिंतित है सबसे बड़ा संकट देवारांचल का है जहां नेपाल से पानी का आना बताया जा रहा है और नहरो में भी पानी नहीं है कि लोग सिंचाई कर पाए ऐसे में किसानों का बुरा हाल हो रहा है और उमस लोगों को बीमार कर रहा है ऐसे में नहरो में पानी या ट्यूबल से सिंचाई अविलंब नही किया गया तो किसान फसल नही बचा पाएंगे,पानी की आवश्यकता है अब तो जिले को अभिलंब सूखाग्रस्त घोषित किए जाने की मांग जोर पकड़ रहा है,सूचना मिली है कि कुछ भाजपा के नेता माननीय मंत्री को नहरों में पानी तत्काल छोड़ने के लिए निवेदन भी किया है।
ब्यूरो प्रमुख
आदित्य नारायण वर्मा
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