25 नवम्बर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर विशाल किसान महापंचायत का किया ऐलान।
संयुक्त किसान मोर्चा ने गौतमबुद्धनगर में भरी हुंकार। 10% प्लॉट एवं नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ तय कराने के मुद्दे पर कार्यसमिति की मीटिंग कर प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 25 नवम्बर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर विशाल किसान महापंचायत का किया ऐलान।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नोएडा के सेक्टर 70 स्थित व्हाइट पैलेस फार्म हाऊस में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 10 किसान संगठनों की कार्यसमिति ने मीटिंग की और कई महत्व्पूर्ण निर्णय लिए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) भारतीय किसान सभा, जय जवान जय किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद एवं भाकियू (महात्मा टिकैत), भाकियू (कृषक शक्ति), भाकियू (अजगर) एवं किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, किसान एकता संघ और सिस्टम सुधार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने प्रैस कॉन्फ्रेंस में अपने अपने संगठन की ओर से कई कई हजार किसानों, महिलाओं को साथ लेकर महापंचायत में शामिल होने का ऐलान भी किया।
बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा प्राधिकरणों के अलावा बुलंदशहर और गाजियाबाद, प्राधिकरणों के अलावा यू.पी.सी.डा., एनटीपीसी, एन.एच.ए.आई. व रेलवे तथा विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं से प्रभावित गौतमबुद्ध नगर के किसानों और आगरा विकास प्राधिकरण आदि से प्रभावित किसानों जिनकी जमीन पुराने कानून के तहत ली गई थी दशकों से वह 10%प्लॉट आदि की अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं
समय समय पर उक्त संस्थानों ने किसानों से कुछ समझौते और पॉलिसियां के तहत लाभ देने के बातें की गईं परन्तु उनमें भी भेदभाव रहा जिससे किसानों का असंतोष बढ़ता चला गया, साथ ही 1 जनवरी से देश में नया कानून लागू हो जाने के बाद उसमें प्रभावित किसानों को दिए जाने वाले बाजार दर के 4 गुना मुआवजा, 20% प्लॉट तथा सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार, मकान और पुनर्वास के तथा इसी के साथ आबादी निस्तारण के लाभ 11 साल बीत जाने के बाद अभी तक भी नहीं दिए जा रहे हैं, उसी का नतीजा है कि सभी किसानों को संयुक्त रूप से मिलकर यह बड़ा आंदोलन करना पड़ रहा है, जिसमें भारतीय किसान यूनियन टिकैत आदि जैसे उक्त राष्ट्रीय स्तर के किसान संगठन भी शामिल होकर लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए हैं। मोर्चा ने यह भी निर्णय लिया है कि जो भी अन्य किसान संगठन इस आन्दोलन में शामिल होना चाह रहे हैं उन्हें भी नियमानुसार शामिल किया जाएगा। सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि आन्दोलन को समर्थन करने वाले और विधान सभा और लोकसभा में मुद्दा उठाने वाले सभी राजनीतिक दलों का स्वागत रहेगा परंतु माइक मंच साझा नही किया जायेगा।
सभी किसान संगठन कल से अलग अलग परियोजनाओं से प्रभावित गांवों में कल दिनांक 10 नवम्बर 2024 से 20 नवम्बर के बीच अपने अपने प्रभावित क्षेत्रों में जनजागरण अभियान चलाएंगे और बीच में साप्ताहिक समीक्षा मीटिंग भी करेंगे जिसके बाद सभी किसान संगठनों के नेता मिलकर एक रोड़मेप बनाकर जनपद की सभी परियोजनाओं से प्रभावित गांवों में जनजागरण चलाकर 25 नवम्बर की महापंचायत को सफल बनाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मीडिया में जारी बयान में कहा है कि समाचार पत्रों में उनके नाम नहीं लगाए जाएं संयुक्त किसान मोर्चा के साथ सिर्फ सभी किसान संगठनों के ही नाम लिखे जाएं।
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