बांके बिहारी एजुकेशन सोसाइटी, अध्ययन केंद्र,विधि विभाग,और मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या 9 दिसंबर 2024 दिन सोमवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाए

अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। श्री बांके बिहारी एजुकेशन सोसाइटी,गांधी अध्ययन केंद्र,विधि विभाग,और मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के पूर्व संध्या 9 दिसंबर 2024 दिन सोमवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस संगोष्ठी का विषय “मानवाधिकार: चुनौतियां एवं समाधान”।


श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानवाधिकारों की वर्तमान स्थिति,उनके सामने मौजूद चुनौतियों और उनके प्रभावी समाधान पर चर्चा करना हैं।
संगोष्ठी के मुख्य बिंदु पर प्रकाश डालते हुए समन्वयक विधि विभाग डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय डॉ राजीव वर्मा,समन्वयक गांधी अध्ययन केंद्र डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय डॉ राजेश कुशवाहा, समन्वयक मिशन शक्ति प्रो.विनीता सिंह ने बताया कि


  1. 1. मानवाधिकारों की परिभाषा और महत्व:
    सभी व्यक्तियों को जीवन, स्वतंत्रता,और गरिमा के साथ जीने का अधिकार।
    समानता और गैर-भेदभाव के सिद्धांत।
    2. चुनौतियां:
    महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध।
    जातीय और धार्मिक भेदभाव।
    शोषण,हिंसा,और मानव तस्करी।
    शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में असमानता।
    पर्यावरणीय अधिकारों का हनन।

3. समाधान:
जागरूकता अभियान और शिक्षा का प्रसार।
मजबूत विधिक संरचना और उनका कड़ाई से पालन।
सामुदायिक सहभागिता और नीतिगत बदलाव।
महिलाओं और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण के प्रयास।
तकनीक का उपयोग कर मानवाधिकारों की निगरानी।
आयोजन की विशेषताएं:
वक्ताओं का योगदान: विषय-विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया और समाज में मानवाधिकारों की स्थिति पर अपने विचार साझा करेंगे।
छात्र-भागीदारी: विधि विभाग के छात्रों ने मानवाधिकार से जुड़े विषयों पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करेंगे।
मिशन शक्ति महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया जायेगा।
रमेश श्रीवास्तव, अधिवक्ता नितिन वर्मा, नकुल सारस्वत ने बताया कि यह आयोजन मानवाधिकारों की समझ और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक सार्थक प्रयास होगा।

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  • अर्जुन रौतेला आगरा

    रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद। सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।। मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना "दर्द अथवा कठिन कर्म" करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।

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