
अर्जुन रौतेला संवादाता आगरा। दयालबाग में चल रही भागवत कथा के छठवें दिन की कथा में साध्वी पूजा शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान हर उस जीव के दुखों का हरण कर लेते हैं जो प्रभु के बताए सदमार्ग पर चलते हुए केवल उन्हीं पर विश्वास करता है।
भगवान श्रीकृष्ण की भव्य झांकियों के साथ घुड़सवारी करते हुए जब रुक्मिणी से विवाह करने कथा स्थल पर पहुंचे तो भक्तों ने जमकर बैंड बाजों की धुन पर नृत्य किया, उधर रुक्मिणी स्वरूप को बंसल परिवार की महिलाओं द्वारा शीतला माता की चुनरी उड़ाकर कथा स्थल पर लाया गया तो दृश्य देखकर भक्तों ने सुखद अनुभव किया।
मीडिया प्रभारी भूपेश कालरा ने बताया कि आज यानि कथा के छठवें दिवस में उद्धव – गोपीसंवाद, रास लीला, रुक्मणि और योगीराज श्रीकृष्ण का विवाह, कंस मर्दन की कथाएं प्रमुख रही, जिन्हें पूजा शास्त्री द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से श्रोताओं को सुनाया गया, जिसे सुनकर भक्त अपनी समस्याओं को कुछ समय के लिए भूलकर श्रीकृष्ण की कथाओं में भक्तिमय हो गए।
कल यानि श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिवस में मधुसूदन भगवान श्रीकृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह की कथा, सुदामा चरित्र की पावन कथा और परीक्षित महाराज के उद्गार की कथाएं प्रमुख रहेंगी साथ ही कल संध्या के समय आरती से पहले बड़ी ही भक्ति और दिव्य भगवान राधा कृष्ण के साथ में होली महोत्सव का भी हम आनंद लेंगें।
कथा में आयोजक महावीर प्रसाद बंसल सपत्नीक, उनके पुत्रगण सूरज,अमित, नरेश, बहुएं, नाते रिश्तेदार व अन्य श्रोताग़णों ने पूजा शास्त्री द्वारा गाए भक्ति गीतों पर जमकर नृत्य करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में रम गए।

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