
भारतवर्ष के तीन मोहन – मुरली मनोहर राधा मोहन, मोहनदास, और मनमोहन। एक सच्चाई के समान, इन पर अक्सर अल्पबुद्धि के लोगों, आलोचकों, अवसरवादियों और स्वार्थियों ने कटाक्ष किया। फिर भी, ये सभी उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलने को विवश हुए।पारदर्शिता, जवाबदेही, और समयबद्धता के प्रतीक आरटीआई एक्ट के अग्रदूत और जन्मदाता स्वर्गीय श्री सिंह मनमोहन सिंह जी को कोटि-कोटि वंदन।
*बच्चों की तरह मासूम और बच्चों जितने निर्दोष, अत्यंत शिक्षित और ज्ञानी, मौन रहकर जीवनभर अपने कार्य में निष्ठा रखने वाले, अपनी प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा के लिए कभी झूठे दावे न करने वाले। अपनी महानता के लिए कभी सार्वजनिक रूप से प्रचार-प्रसार न करने वाले, उम्र में बड़ों को आदर और छोटे लोगों का हमेशा ख्याल रखने वाले। अपने कर्म से विश्वगुरु का स्थान प्राप्त करने वाले, सत्यवादी, संविधान के उपासक और भक्त।
अजातशत्रु, अनायास ही प्राप्त हुए प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बनाए रखने वाले, जनता के पैसे का कभी दुरुपयोग न करने वाले, झूठे आडंबर और दिखावे से दूर, आजीवन सादगी से जीने वाले। भीख मांगकर नहीं बल्कि अपनी मेहनत और शिक्षा के बल पर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले।
अकिंचन, विनम्र, गुणी, सज्जन, शालीन डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि।* टी यन न्यूज 24 आवाज जुर्मके खिलाफ सूरत से संवाददाता राजेंद्र तिवारी 9879755419





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