
**बदायूं में विकलांग व्यक्ति की भूमि पर अवैध कब्ज़ा: प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल**

बदायूं जनपद की तहसील कछला, थाना उझानी के अंतर्गत एक विकलांग व्यक्ति, मनोज कुमार, निवासी कलर वार्ड नंबर 10, की आवासीय भूमि (गाटा संख्या 815, खसरा संख्या 555) पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्ज़ा करने का मामला सामने आया है। मनोज कुमार ने अपनी भूमि पर हो रहे इस अतिक्रमण को रोकने के लिए एसडीएम से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक न्याय की गुहार लगाई है।
बदायूं के पुलिस अधीक्षक ने थाना उझानी को लिखित निर्देश देकर कब्ज़ा रोकने का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप तत्काल प्रभाव से कब्ज़ा रुक गया। हालांकि, भू-माफियाओं द्वारा पुनः कब्ज़ा करने के प्रयास लगातार जारी हैं। चिंताजनक बात यह है कि तहसील प्रशासन और पुलिस के पास पुख्ता दस्तावेज़ होने के बावजूद, वे पीड़ित की मदद करने और दबंग भू-माफियाओं पर कार्रवाई करने में असमर्थ दिख रहे हैं।
**प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल**
यह मामला प्रशासन की निष्क्रियता और भू-माफियाओं के प्रति नरमी को उजागर करता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी या निजी भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गरीबों की जमीन कब्ज़ा मुक्त कराएं और अवैध कब्ज़ा करने वाले दबंगों को कानूनी सबक सिखाएं।
लेकिन कप्तान के आदेश के बाद कब्जा मुक्त कर दिया जाता है लेकिन फिर से कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू होती है आखिर क्यों…?
**राजस्व विभाग की उदासीनता**
बदायूं में इससे पहले भी लोक निर्माण विभाग की भूमि पर अवैध कब्ज़े के मामले सामने आए हैं, जहां राजस्व विभाग की उदासीनता के कारण कब्ज हटाने में कठिनाई हुई । कई बार विभाग भूमि की पैमाइश करने में भी आनाकानी करते हैं ।
लेकिन जब पीड़ित की रजिस्ट्री आपके विभाग में मौजूद है तो दबंग किसी दूसरी रजिस्ट्री पर कब्जा कैसे कर सकता है….?
क्या दबंग को राजस्व का संरक्षण है…?
**न्याय की आशा**
मनोज कुमार जैसे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। राजस्व विभाग और पुलिस को समन्वय स्थापित कर, भू-माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सरकार द्वारा स्थापित एंटी भू-माफिया पोर्टल जैसे माध्यमों का उपयोग कर, पीड़ित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं और न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं।
**निष्कर्ष**
विकलांग व्यक्ति की भूमि पर अवैध कब्ज़ा और प्रशासन की निष्क्रियता समाज में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी और विभाग मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए, अवैध कब्ज़ों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और पीड़ितों को न्याय दिलाएं।





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