
संवादाता अर्जुन रौतेला। बांदा के पुलिस लाइन चौराहा से क्योटरा चौराहा और जेल रोड तक प्रशासन द्वारा की गई ध्वस्तीकरण कार्रवाई को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने सोमवार को मंडलायुक्त चित्रकूट धाम से मुलाकात की। इस दौरान, शालिनी सिंह पटेल के नेतृत्व में सैकड़ों पीड़ितों और जेडीयू कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें गरीबों के अधिकारों का उल्लंघन और प्रशासन की पक्षपाती कार्रवाई पर चिंता जताई गई।
ज्ञापन में शालिनी सिंह पटेल ने कहा कि पुलिस लाइन चौराहा से लेकर क्योटरा चौराहा और जेल रोड तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के Olga Tellis बनाम BMC (1985) के फैसले और 13 नवम्बर 2024 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि बिना पुनर्वास, सूचना और सुनवाई के किसी को उजाड़ना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावशाली और रसूखदार लोगों के मकानों को छोड़ दिया गया, जबकि गरीबों को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा गया। शालिनी ने यह भी कहा कि कई पीड़ितों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था, लेकिन फिर भी उनकी बस्तियां तोड़ी गईं।
ज्ञापन में काशीराम कॉलोनी, हरदौली में फर्जी निवासियों की जांच और सूची सार्वजनिक करने की मांग की गई। साथ ही, ADM राजेश वर्मा और SDM अमित शुक्ला की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए, जिसमें पक्षपाती रवैया और तानाशाही का आरोप लगाया गया।
मुख्य मांगें:
पुलिस लाइन चौराहा से क्योटरा तक की ध्वस्तीकरण कार्रवाई की न्यायिक जांच।
काशीराम कॉलोनी में फर्जी निवासियों की जांच।
पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा।
ADM और SDM की जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई।
ज्ञापन सौंपने वालों में उमाकांत सविता, गरिमा सिंह पटेल, सद्दाम हुसैन, निशांत चक्रवर्ती, आदित्य गोस्वामी , श्रीराम प्रजापति, काशी प्रसाद याज्ञिक, बिहारी अनुरागी और अर्चना वर्मा शैलेंद्र गुप्ता, धर्मेंद्र यादव,सीता, गुड़िया देवी,विमला , सखीना समेत सैकड़ों लोग शामिल थे।
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